...और राहुल के सामने ही उघड़ गई गुटबाजी की परतें
त्रिपुरा के एक दिवसीय दौरे पर आए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी मंगलवार को उस समय बड़ी उलझन में पड़ गए, जब पार्टी में चल रही गुटबाजी की परतें उनके सामने ही उघड़ गईं और स्थानीय नेताओं की लोलुपता सामने आ...
त्रिपुरा के एक दिवसीय दौरे पर आए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी मंगलवार को उस समय बड़ी उलझन में पड़ गए, जब पार्टी में चल रही गुटबाजी की परतें उनके सामने ही उघड़ गईं और स्थानीय नेताओं की लोलुपता सामने आ गई।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मनुघाट और पार्टी की युवा शाखा के अधिवेशन के दौरान पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष समीर रंजन बर्मन और कांग्रेस विधायक दल के नेता रत्नलाल नाथ की गांधी के समक्ष जमकर शिकायतें की गईं। इनमें कहा गया कि त्रिपुरा कांग्रेस के नेता दूसरी पीढ़ी के नेतृत्व को आगे बढाने मे नाकाम रही हैं और पिछले दो दशकों से पार्टी के युवा नेताओं को उभरने का कोई मौका नहीं दिया गया। इसलिए नेतृत्व का स्तर गिर गया और पार्टी राज्य में सत्तारूढ वाम मोर्चे के खिलाफ कोई आदोंलन करने में पहल नहीं कर सकी।
गांधी ने इन शिकायतों को पूरी तरह से सुना। यहां तक कि मनुघाट में हुए अधिवेशन में उन्होंने अपनी बात रखने के लिए नौ मिनट लिए, जबकि अगरतला अधिवेशन के लिए केवल दो मिनट। जबकि वह इन दोनों जगहों पर एक एक घंटों तक रूके। बाकी समय गांधी पार्टी के स्थानीय नेतृत्व के खिलाफ कार्यकर्ताओं की शिकायतों का जायजा लेते रहे।
गांधी ने युवा कांग्रेस के कार्यकताओं को आश्वस्त किया है कि वह इन मुद्दों और उनकी दिक्कतों को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि गांव से लेकर राज्य स्तर तक कांग्रेस समितियों का गठन केवल सांगठनिक चुनाव के जरिए ही होगा और यह प्रकिया जल्द ही शुरू की जाएगी। गांधी ने कहा कि वाम मोर्चे के साथ संघर्ष में युवा कांग्रेस की भूमिका बेहद अहम होगी।
गांधी ने पार्टी की त्रिपुरा समिति के लोगों से मुलाकात की और उनसे पार्टी को मजबूत करने के लिए युवा बिग्रेड को ज्यादा सहयोग देने गुजारिश की। उन्होंने समिति से सार्वजनिक हित के कामों पर ध्यान देने को भी कहा।