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मैं टीआरपी के लिए शो नहीं बनाती: एकता कपूर

अपने नये शो बैरी पिया के ऑन एयर होने से पहले आपने तिरुपति बालाजी की यात्रा की है? यह आस्था का प्रश्न है। मुझे हर समय ईश्वर के आशीर्वाद की जरूरत पड़ती है। मैं उस वक्त भी प्रार्थना करती हूं, जब मेरा...

मैं टीआरपी के लिए शो नहीं बनाती: एकता कपूर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 07 Oct 2009 11:55 AM
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अपने नये शो बैरी पिया के ऑन एयर होने से पहले आपने तिरुपति बालाजी की यात्रा की है?
यह आस्था का प्रश्न है। मुझे हर समय ईश्वर के आशीर्वाद की जरूरत पड़ती है। मैं उस वक्त भी प्रार्थना करती हूं, जब मेरा कोई भी शो ऑन एअर नहीं होता। मैं हमेशा ही धार्मिक स्थलों की यात्रा करती रहती हूं।

सुना है कि आप हर शुक्रवार को रोजा भी रखती हैं?
हां, इससे मुझे ताकत मिलती है और अपने भीतर आत्मसंतोष पैदा होता है।

क्या यह सच है कि तिरुपति से वापस आते समय आपने ईकोनॉमी क्लास में सफर किया?
(हंसते हुए) हां, लेकिन कल्पना कीजिए, जब मैंने ऑल इकोनॉमी एयरलाइन में प्रवेश किया तो मुझे कोई कैटल दिखाई नहीं दी!

आपका अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट फैशन, जिसमें अमृता सिंह काम करने वाली थीं, खत्म हो गया है?
नहीं यार, यह प्रोजेक्ट मेरे पास ही काफी समय से अटका हुआ है। मुझे इसमें ज्यादा समय इसलिए लग रहा है, क्योंकि यह बहुत फैशनेबल प्रोजेक्ट भी है। मुझे जब भी समय मिलता है, मैं इसकी स्क्रिप्ट पर काम करती हूं। एक और बात यह है कि यह प्रोजेक्ट एक ऐसे शख्स पर (खुद मुझ पर) निर्भर है, जो खुद फैशनेबल नहीं है, इसीलिए इसमें ज्यादा समय लग रहा है।

अब आपका रुझन ‘के’ से हट कर ‘बी’ की तरफ क्यों हो गया?
(हंसते हुए) क्योंकि मैं खुद ‘बी’ हूं। मैंने लगभग 60 सोप बनाए, जिनका टाइटल ‘के’ से शुरू होता है, इसलिए अब मुझे लगता है कि किसी और अल्फाबैट से टाइटल शुरू होना चाहिए। वसे मेरे लिए ‘बी’ और ‘पी’ भी काम करते हैं।

बहुत से आलोचकों को लगता है कि रियलिटी शोज और दूसरे निर्माताओं के चलते छोटे परदे पर आपके साम्राज्य का अंत हो गया है?
मैं मनोरंजन की दुनिया को हमेशा ही संदेह की नजर से देखती हूं, लेकिन मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कह रहा है। मैं अपने शो टीआरपी चार्ट के लिए नहीं बनाती। मैं ऐसे प्रोग्राम बनाती हूं, जिन पर मुङो गर्व हो।

क्या आपको लगता है कि रियलिटी टीवी की वजह से आपका कुछ छूट गया है?
मुझे ऐसा नहीं लगता। मैंने एक शो ऐसा किया है और संभव है, मैं आगे भी करूं। लेकिन रियलिटी टीवी सेक्सी डेजर्ट की तरह है, जिसकी सेक्सी मील के बाद जरूरत होती है।

‘सास भी कभी बहू थी’ को आप फिल्म में बदलने की सोच रही हैं?
नहीं। मुङो नहीं लगता कि मेरा कोई भी शो ऐसा है, जिसे फिल्म में बदला ज सके। भारत में ऑडिशन के लिए किसिंग पर जितना हल्ला मचता है, उतना सेनसेक्स के बढ़ने या घटने पर भी नहीं मचता। मुङो लगता है कि हमारा समाज अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है।   

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