कर्म बदलने की राह पर पुरुष यौनकर्मी
अपने खोए मान सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने के लिए महानगर के 50 से अधिक पुरूष यौनकर्मी (जिगोलो) जिंदगी की एक नई शुरूआत करने जा रहे हैं। एक गैर सरकारी संगठन इन्हें वेश्यावृति के पाप...
अपने खोए मान सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने के लिए महानगर के 50 से अधिक पुरूष यौनकर्मी (जिगोलो) जिंदगी की एक नई शुरूआत करने जा रहे हैं। एक गैर सरकारी संगठन इन्हें वेश्यावृति के पाप से मुक्त कराने के लिए इन्हें वोकेशनल कोर्स कराएगा।
संभावना नामक गैर सरकारी संगठन अपने साथ जुड़े नौ हजार से अधिक पुरूष यौनकर्मियों को जल्द ही मोबाइल रिपेयरिंग, बिजली उपकरणों की मरम्मत तथा पलम्बिंग का कोर्स कराएगा।
संगठन के संयोजक जसमीर ठाकुर ने बताया कि इनमें से अधिकतर लोग मुंबई में काम की तलाश में आते हैं लेकिन आखिरी में वे वेश्यावृति के दलदल में फंस जाते हैं। हम एक बेहतर जिंदगी बिताने में उनकी मदद कर रहे हैं।
27 वर्षीय ओमप्रकाश मुंबई में मालिश करने वाले के रूप में करीब 12 साल गुजार चुका है। शहर में हजारों पुरूष यौनकर्मी इसी पेशे की आड़ में जी रहे हैं। ओमप्रकाश ने भी वोकेशनल कोर्स के लिए पंजीकरण कराया है।
ओमप्रकाश ने बेहद पीड़ा के साथ कहा कि मथुरा में मेरे माता-पिता नहीं जानते कि मैं यहां क्या करता हूं। इस काम से मुझे अच्छा पैसा मिल जाता है और हर सप्ताह जो पैसा मैं अपने परिवार को भेजता हूं, उससे वे खुश हैं।
उसने कहा लेकिन मैं डरता हूं कि किसी दिन कोई भयंकर बीमारी मुझे जकड़ लेगी और इसलिए जल्द से जल्द मैं इस पेशे को छोड़ना चाहता हूं। उसने साथ ही कहा मैं अपना खोया आत्म सम्मान वापस पाना चाहता हूं। संगठन द्वारा करवाए गए एक अध्ययन के अनुसार, शहर में कार्यरत करीब 17 प्रतिशत पुरूष यौनकर्मी एचआईवी संक्रमित हैं।
जमीर ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि 15-15 साल के छोटे बच्चे बेहतर नौकरी की तलाश में मुंबई आते हैं और उसके बाद वेश्यावृति के चंगुल में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा हम महसूस करते हैं कि यदि इन बच्चों को यह पेशा छोड़ने की दिशा में प्रेरित किया जाए तो यह इनके लिए वरदान होगा क्योंकि पेशे को छोडने के लिए इन्हें किसी वैकल्पिक रोजगार की जरूरत होगी। इनमें से अधिकतर बीच में स्कूल छोड़ने वाले हैं।