बांड की वापसी से पैनी हुई कीवी गेंदबाजी
एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत दावेदार के रूप में टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। हम दूसरी टीमों के बारे में सुनते रहे कि वे रैकिंग में ऑस्ट्रेलिया से आगे निकल गयीं। लेकिन जब बात बड़े...
एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत दावेदार के रूप में टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। हम दूसरी टीमों के बारे में सुनते रहे कि वे रैकिंग में ऑस्ट्रेलिया से आगे निकल गयीं। लेकिन जब बात बड़े टूर्नामेंट की हो तो कंगारुओं को हराना आसान नहीं है। शुक्रवार वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम थकान, चोट और निराशा से कोसों दूर थी। जैसा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच के दौरान दिखायी दिया था।
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में रिकी पॉन्टिंग और शेन वाटसन की बल्लेबाजी असाधारण थी और इसने दो बातें साबित कीं। पहली पॉन्टिंग ने बड़े टूर्नामेंट में रन बनाने की अपनी भूख खोयी नहीं है। दूसरी यह कि वाटसन सलामी बल्लेबाजी के लिए पूरी तरह फिट हैं। वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच आस्ट्रेलिया के लिए वेकअप कॉल की तरह था।
दूसरी फाइनलिस्ट टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन से प्रभावित किया। मैं यह देखकर प्रभावित हूं कि न्यूजीलैंड ने किस तरह एक यूनिट के तौर पर खेल दिखाया। उसने हर मैच के लिए अलगयोजनाएं बनायीं। शनिवार का मैच सबसे बड़ा उदाहरण है। पहले उन्होंने पाकिस्तान को अपनी रनिंग बिटविन विकेट से अस्थिर किया। उसके बाद पॉवरप्ले का उम्दा इस्तेमाल किया। विटोरी एक अच्छे कप्तान हैं और उन्हें टीम में मैकुलम, गुप्टिल और टेलर जैसे बल्लेबाज होने से पूरी मदद मिलती है। इलियट ने काफी प्रभावित किया। विटोरी के साथ उन्होंने धैयपूर्वक बल्लेबाजी की और अपनी टीम को फाइनल तक ले गये।
न्यूजीलैंड के पास सबसे बड़ा हथियार शेन बांड हैं जो आईसीएल का निर्वासन काटकर लौटे हैं। उनके रहने से कीवी गेंदबाजी धारदार हो गयी है। बटलर और बांड की जोड़ी असरदार नजर आती है। कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम ज्यादा अनुभवी है और गेंदबाजी उनकी जान है। मैच का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि न्यूजीलैंड के ओपनर ली, जानसन और सिडल का किस तरह सामना करते हैं।