उत्तराखंड को मिलेंगे तीन नवोदय विद्यालय
प्रदेश के हिस्से में तीन और जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) आएंगे। इनकी स्थापना के बाद दून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में दो-दो जेएनवी हो जाएंगे लेकिन चिंता की बात यह है कि ये कॉलेज ऐसे जिलों को मिल रहे...
प्रदेश के हिस्से में तीन और जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) आएंगे। इनकी स्थापना के बाद दून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में दो-दो जेएनवी हो जाएंगे लेकिन चिंता की बात यह है कि ये कॉलेज ऐसे जिलों को मिल रहे हैं जहां पहले से बड़ी स्कूल में शिक्षण संस्थाएं मौजूद हैं।
केंद्र ने सभी जिलों में एक-एक नवोदय विद्यालय की स्थापना की हुई है। अब दस लाख या अधिक आबादी वाले जिलों में एक-एक अतिरिक्त जेएनवी का ऐलान किया गया है। इसमें उत्तराखंड के तीन (हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंहनगर) जिले आ रहे हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार, इनकी आबादी 12.34 लाख से 14.44 लाख के बीच है।
शेष नौ जिलों में केवल नैनीताल ऐसा है जिसके लिए वर्ष 2011 की जनगणना के वक्त तक अतिरिक्त जेएनवी की संभावना बन सकेगी। इन विद्यालयों की स्थापना इस रूप में महत्त्वपूर्ण है कि इनका रिजल्ट देश के नामी स्कूलों से बेहतर रहता है जबकि इनमें 75 ग्रामीण और शेष कमजोर वर्ग शहरी बच्चाे होते हैं। चयन में कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि को भी आधार बनाया जाता है।
तीन नए जेएनवी में कक्षा छह से 12 तक दो हजार से अधिक छात्र-छात्रओं को प्रवेश मिल सकेगा। इन तीन जेएनवी की जरूरत सीमांत जिलों में ज्यादा है। शिक्षा मंत्री बोले इन बातों को केंद्र के सामने रख जाएगा ताकि ये कॉलेज उन जिलों को मिलें जहां इनकी जरूरत है।