अपनी गलतियों से हारे: धोनी
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने माना कि टीम को अपनी ही गलतियों के कारण टूर्नामेंट के पहले ही दौर में बाहर का रास्ता देखना पड़ा...
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने माना कि टीम को अपनी ही गलतियों के कारण टूर्नामेंट के पहले ही दौर में बाहर का रास्ता देखना पड़ा है।
धोनी ने बुधवार को ग्रुप-ए के आखिरी लीग मुकाबले में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की जीत के बाद कहा कि हमने टूर्नामेंट के दौरान कई गलतियां की। हमारे गेंदबाजों ने विपक्षी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का भरपूर मौका दिया। निश्चित रूप से हम जीत के लिए मैदान पर ज्यादा कोशिश कर सकते थे।
टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी में अपने पहले ही मैच में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 54 रन से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था, जबकि ऑस्ट्रेलिया के साथ उसका मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। भारत ने हालांकि आखिरी लीग मैच में वेस्टइंडीज की दूसरे दर्जे की टीम पर सात विकेट से जीत दर्ज की, लेकिन वह ग्रुप-ए में तीसरे स्थान पर रहकर सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया।
धोनी ने कहा कि हमें कुछ चीजों पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि हम अगली बार मैदान पर उतरने से पहले अपनी कमजोरियों को दुरूस्त कर लेंगे। साथ ही धोनी ने कहा कि टीम के पास एक ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी की कमी है जो तेज गति से गेंदबाजी करने के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कर सकता हो।
भारतीय कप्तान ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम इसलिए मजबूत है क्योंकि उनके तेज गेंदबाज मिशेल जानसन और ब्रेट ली बल्ले के साथ भी कमाल दिखाने में सक्षम हैं। हमें भी ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी की जरूरत है जो तेज गति से गेंद फेंकने के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी माहिर हो। कभी ऐसी स्थिति आती है कि आप छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हैं और आपको बड़े लक्ष्य का पीछा करना है। ऐसे में अगर आप जल्दी विकेट गंवा देते हैं तो संकट में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में निचले क्रम में एक सक्षम ऑलराउंडर टीम की नैया पार लगा सकता है।
धोनी ने कहा कि इस टूर्नामेंट के दौरान हमें पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ खेलने के लिए मजबूर होना पडा जिनमें से कोई भी उम्दा बल्लेबाज नहीं है।