फोटो गैलरी

Hindi News मेघालय: राष्ट्रपति शासन को चुनौती देंगे संगमा

मेघालय: राष्ट्रपति शासन को चुनौती देंगे संगमा

मेघायल में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्र सरकार के बुधवार के फैसले का राज्य में सत्तारूढ़ मेघालय प्रोग्रेसिव एलायंस(एमपीए)ने विरोध किया है और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस...

 मेघालय: राष्ट्रपति शासन को चुनौती देंगे संगमा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

मेघायल में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्र सरकार के बुधवार के फैसले का राज्य में सत्तारूढ़ मेघालय प्रोग्रेसिव एलायंस(एमपीए)ने विरोध किया है और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) के नेता पीए संगमा ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की चेतावनी दी है। संगमा ने बताया कि राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला अभूतपूर्व और असंवैधानिक है। एमपीए सरकार द्वारा विश्वास मत जीतने के बाद कोई संवैधानिक संकट नहीं बचा था। ऐसे में यह निर्णय बहुत दुखद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुरुवार को हम इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।’’ मेघालय के मुख्यमंत्री दोनकूपर रॉय ने कहा, ‘‘यह और कुछ नहीं बल्कि कांग्रेस द्वारा लोकतांत्रिक सरकार की हत्या है।’’ उधर कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है। इससे पहले नई दिल्ली में गृहमंत्री पी चिदंबरम ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्र सरकार की फैसले की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मंत्रिमंडल को मंगलवार को मेघालय के राज्यपाल की रिपोर्ट मिली थी।’’ उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में संवैधानिक संकट का जिक्र करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। चिदंबरम ने बताया कि राज्यपाल की रिपोर्ट स्वीकार कर राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश भेज दी गई है। मेघायल में पांच विधायकों द्वारा सत्तारूढ़ गठबंधन से नाता तोड़ लेने से राज्य सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इन विधायकों में पूर्व मंत्री एडवाइजर पेरियोंग और पॉल लिंग्दोह, उपाध्यक्ष सनबार शुलइ, और दो निर्दलीय विधायक इस्माइल मराक और लिमिसन संगमा शामिल थे। विश्वास मत से पहले विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इन पांचों के खिलाफ ‘अंतरिम निलंबन’ का आदेश जारी कर देने से उन्हें मतदान से वंचित रहना पड़ा था। मंगलवार के शक्तिपरीक्षण में राज्य सरकार विधानसभा अध्यक्ष के इकलौते मत की वजह से बची थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें