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स्वात सैन्य अभियान को लेकर गठबंधन में दरार

पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ जारी सैन्य अभियान को लेकर देश में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच फूट पैदा हो गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल जेयूआईएफ के प्रमुख मौलाना फजलुर...

 स्वात सैन्य अभियान को लेकर गठबंधन में दरार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ जारी सैन्य अभियान को लेकर देश में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच फूट पैदा हो गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल जेयूआईएफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस मुद्दे पर मंगलवार को नेशनल असेंबली से वाकआउट किया। उन्होंने कहा कि सरकार का घटक दल होने के बावजूद संघीय सरकार ने स्वात और मलकंद में सैन्य अभियान शुरू करने के संबंध में उन्हें विश्वास में नहीं लिया। स्वात और मलकंद में सैन्य अभियान शुरू किए जाने के सरकारी निर्णय पर नेशनल असेंबली में हुई बहस में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन नहीं कर सकते और इस निर्णय से खुद को अलग करते है। इसलिए हम गलत समय पर लिए गए सरकार के गलत फैसले के विरोध में नेशनल असंेम्बली से वाकआउट करते है। रहमान ने जब सदन से वाकआउट किया, उस समय प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी सदन में मौजूद थे। संसदीय मामलों के मंत्री डॉ. बाबर अवान समेत कैबिनेट मंत्रियों ने रहमान को अपने निर्णय पर पुन: विचार करने के लिए भी कहा लेकिन वे उन्हें रोकने में विफल रहे। हालांकि सत्र के दौरान गिलानी ने रहमान और घटक दलों जेयूआई-एफ और एमएनए के साथ अपने कक्ष में एक बैठक की थी और उनसे अपना वाकआउट समाप्त करने के लिए कहा। गिलानी ने कहा कि रहमान को विश्वास में नहीं लिया गया लेकिन हम उन्हें विश्वास में लेना चाहते थे मगर वह विदेश में थे और उनके भाई भी देश में नहीं थे। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दो पर विशेषकर गठबंधन सरकार के घटक दलों और सभी राजनीतिक पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इससे पूर्व नेशनल एसेंबली में रहमान ने कहा कि स्वात में निजाम-ए-अदल कानून लागू करते समय और सैन्य अभियान शुरू करने के दौरान जेयूआईएफ को विश्वास में नहीं लिया गया। लेकिन बातचीत के दौरान हमारी अनदेखी किए जाने के बावजूद हमने निजाम-ए-अदल कानून का समर्थन किया। उन्होंने ड्रोन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इन हमलों से देश की एकता और संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता चौधरी निसार अली खान ने अपने भाषण में भी कहा था कि सरकार ने गलत समय सही निर्णय लिया। हालांकि रहमान के भाषण के बाद विपक्ष के नेता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी अपने भाषण में ऐसा नही कहा कि गलत समय पर सही निर्णय लिया गया।

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