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भाजपा ने की, सदन की बैठक बुलाने की मांग

दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने राजधानी की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा के लिए सदन की बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अच्छे कार्यों का...

भाजपा ने की, सदन की बैठक बुलाने की मांग
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Aug 2009 11:22 PM
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दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने राजधानी की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा के लिए सदन की बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अच्छे कार्यों का श्रेय लेने का कोई मौका नहीं चूकती हैं, लेकिन जब कोई समस्या सामने आती हैं तो उसे दूसरे के मत्थे टाल देती हैं। समस्या के वक्त विभिन्न एजेंसियों की बात करने लगती हैं।
 
मल्होत्रा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में बिजली, पानी, कानून-व्यवस्था, यातायात जाम और राष्ट्रमंडल खेलों की परियोजनाओं में हो रही देरी समेत अनेक ऐसी ज्वलंत समस्याएं हैं, जिन पर जन प्रतिनिधियों की राय ली जानी चाहिए।

इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना अत्यंत जरूरी हैं। सरकार पूरे वर्ष में मुश्किल से 20-22 बैठकें बुलाती हैं, जबकि पीठासीनों की बैठक में छोटी विधान सभाओं के लिए 60 बैठकें बुलाए जाने पर सहमति बनी थी। 
 विपक्ष के नेता ने कहा कि दिल्ली की चालू वित्त वर्ष की स्वीकृत योजना में योजना आयोग ने बहुत सी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को अनुमति नहीं दी है।

दिल्ली मेट्रो रेल सेवा पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में उंगली उठाए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की छह बडी योजनाओं को स्थगित किए जाने की चर्चा है। कैग की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

मल्होत्रा ने कहा कि दीक्षित दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण समेत अन्य स्थानीय निकायों को राज्य सरकार के अधीन लाने की बात करती हैं, किंतु शुक्रवार को राजधानी में एक दिन की बरसात से सीवर प्रणाली के ठप हो जाने और बिजली की कमी के कारण यातायात सिग्नल फेल होने की जिम्मेदारी लेने से बचती हैं। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से लोगों में भय का माहौल है और इससे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ बनाने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
 
प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था दिनों दिन बदतर होती जा रही है। डकैती, हत्या, अपहरण, लूट और बाइकर गैंग का आतंक निरंतर बढ रहा है, किंतु राज्य सरकार इसे केन्द्र का मामला बताकर अपना पिंड छुडाती रही है। गरीबों को राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है और न ही गरीबी रेखा से नीचे और ऊपर रहने वालों को राशन नहीं मिल रहा है। जन वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और यह पूरी तरह दलालों के कब्जे में है।
 
अनाधिकृत कालोनियों में विकास कार्यों के ठप होने का जिक्र करते हुए प्रो. मल्होत्रा ने कहा कि इन बस्तियों को अभी तक नियमित नहीं किए जाने से वहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। झुग्गी झोंपडियों के निवासियों को राष्ट्रकुल खेलों से पहले मकान देने का वायदा भी वायदा बनकर रह गया है। आवश्यक जिंसों के आसमान छूते दामों से त्रस्त जनता दूध, घी, दवाइयों और खाद्य पदार्थों में बडे पैमाने पर मिलावट से भी बुरी तरह परेशान है।
 
प्रो. मल्होत्रा ने मुख्यमंत्री को चेताया कि यदि ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा कराने के लिए राज्य विधान सभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाने की घोषणा नहीं की गई तो भारतीय जनता पार्टी को मजबूर होकर सडकों पर आंदोलन के लिए उतरना पडेगा।

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