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कभी राष्ट्र के लिए पूरी तरह समर्पित थे जिन्ना: सुदर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर संघ परिवार में जारी बहस को और गर्म कर दिया है। उन्होंने इतिहास के पन्ने उलटते हुए कहा है...

कभी राष्ट्र के लिए पूरी तरह समर्पित थे जिन्ना: सुदर्शन
एजेंसीTue, 25 Aug 2009 01:23 PM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर संघ परिवार में जारी बहस को और गर्म कर दिया है।

उन्होंने इतिहास के पन्ने उलटते हुए कहा है कि जिन्ना कभी राष्ट्र (अविभाजित भारत) के लिए पूरी तरह समर्पित थे।

इंदौर में कल रात एक कार्यक्रम के बाद मीडिया ने पूर्व संघ प्रमुख से जिन्ना की तथाकथित धर्मनिरपेक्षता को लेकर सवाल किया था। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिये, जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं। आप इतिहास अगर ठीक तरह से पढ़ें तो पता चलता है कि वह कभी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के साथ थे और पूर्णत: राष्ट्र के प्रति समर्पित थे।

सुदर्शन ने बताया कि किस तरह जिन्ना का तत्कालीन हालात से मोहभंग हुआ और वह फिर काबू में नहीं आ सके।

पूर्व संघ प्रमुख के मुताबिक खिलाफत आंदोलन (1919—1924) से जुड़ने के संबंध में राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का मकसद था कि इससे अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनरत मुसलमानों को मदद मिलेगी और देश का स्वतंत्रता संग्राम भी मजबूत होगा।
    
उन्होंने कहा कि लेकिन जिन्ना ने खिलाफत आंदोलन का यह कहकर विरोध किया था कि तुर्की के खलीफा को किसी ने गद्दी से उतार दिया तो इससे भारत के मुसलमानों का क्या लेना-देना है। पर जिन्ना की यह बात मानी नहीं गई थी।

सुदर्शन के मुताबिक अपनी इस अनसुनी से जिन्ना बहुत दु:खी हो गए थे और कांग्रेस छोड़कर इंग्लैंड चले गये थे।

सुदर्शन ने कहा कि जब जिन्ना 1927 में भारत लौटे तो फिरंगियों ने उन्हें देश के विभाजन का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि गांधीजी का कहना था कि उनके जीते जी देश के टुकड़े नहीं हो सकते। लेकिन वह अपनी इस बात पर दृढ़ नहीं रह सके, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू उनकी कमजोरी थे।

सुदर्शन ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि जिन्ना एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।

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