सेटी
आधुनिक खगोलीय विज्ञान में दूसरे ग्रहों पर जीवन को लेकर वैज्ञानिकों को बेहद उत्सुकता है। इस दिशा में सेटी अर्थात सर्च फॉर एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलीजेंस सुदूर ब्रह्रांड में जीवन तलाशने के काम में...
आधुनिक खगोलीय विज्ञान में दूसरे ग्रहों पर जीवन को लेकर वैज्ञानिकों को बेहद उत्सुकता है। इस दिशा में सेटी अर्थात सर्च फॉर एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलीजेंस सुदूर ब्रह्रांड में जीवन तलाशने के काम में लगा है। इस कार्य के लिए सेटी रेडियो सिग्नलों का इस्तेमाल करता है।
इसके अलावा, ऑप्टीकल टेलीस्कोप और अन्य विधियों को इस्तेमाल किए जने की भी सिफारिशें की गई हैं। बहरहाल, सेटी अपने प्रयासों में व्यस्त है और किसी अन्य ग्रह पर बौद्धिक जीवन के बारे में यदि कभी पता चलता है तो यह मानवीय इतिहास का एक अनोखा चरण होगा। लेकिन अभी तक की गणना के अनुसार ब्रह्मांड में हम अकेले हैं और जीव विज्ञानियों के अनुसार पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत एक दुर्लभ और लगभग दुर्घटनावश ही हुई है।
अपने कार्य के लिए सेटी रेडियो सिग्नलों का प्रयोग करता है। अंतरिक्ष अपने आप में कोई विशेष शक्तिशाली रेडियो सिग्नलवाहक नहीं है। सेटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि सुदूर अंतरिक्ष में कोई अनजान सभ्यता धरती से भेजे गए हमारे रेडियो सिग्नलों को पकड़ती है तो उसे जवाब में अंतरिक्ष में सूचनाएं छोड़नी चाहिए जैसे कि हम रेडियो और टीवी स्टेशनों के माध्यम से सूचनाएं छोड़ते हैं।
हमारे सौरमंडल से बाहर भेजा जाने वाला संदेश अंतरिक्ष में किसी स्थान पर स्थिर रहना चाहिए। इसके लिए सेटी के खगोलविदों ने विशालकाय सुपरकंप्यूटरों द्वारा संदेशों को स्कैन करने का काम किया है, जिसके बाद अंतत: यह कार्य एक विकेंद्रीकृत कंप्यूटिंग नेटवर्क, सेटीएटहोम को दे दिया गया। खगोलविदों का कहना है कि कोई भी दूसरी सभ्यता रेडियो संदेशों का आदान-प्रदान नहीं करेगी, चूंकि वह हमारी सभ्यता से कहीं आगे होगी। इसलिए खगोलविद् अंतरिक्ष में लेजर किरणों की भी तलाश कर रहे हैं।
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