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एक जज हमें शर्मसार नहीं कर सकता: बालाकृष्णन

न्यायाधीशों की ओर से बोलने के अपने अधिकार पर जोर देते हुए प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की टिप्पणी न्यायपालिका को शर्मसार नहीं कर...

एक जज हमें शर्मसार नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
एजेंसीMon, 24 Aug 2009 07:45 PM
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न्यायाधीशों की ओर से बोलने के अपने अधिकार पर जोर देते हुए प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की टिप्पणी न्यायपालिका को शर्मसार नहीं कर सकतीं।

उच्चतम न्यायालय में एक समारोह से इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि एक न्यायाधीश की टिप्पणी शर्म का सबब कैसे बन सकती हैं। न्यायपालिका एक वृहद संस्था है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े संस्थान को एक न्यायाधीश कैसे शर्मसार कर सकता है।

प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि उन्होंने न्यायाधीशों के बारे में कुछ सामान्य बातें कहीं थी और मुझे लगता है मुझे इसका अधिकार प्राप्त है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार ने सम्पत्ति की घोषणा के बारे में उच्च न्यायालयों के तमाम न्यायाधीशों की ओर से प्रधान न्यायाधीश के बोलने के अधिकार पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने न्यायाधीश कुमार को प्रचार की चाह रखने वाला बताया था और कहा था कि इस तरह की चीजें किसी न्यायाधीश के लिए अच्छी नहीं हैं।

बालाकृष्णन ने कहा कि न्यायाधीशों की सम्पत्ति की घोषणा के मामले पर आम सहमति पर पहुंचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों के प्रत्येक न्यायाधीश को अपनी सम्पत्ति की घोषणा की स्वतंत्रता है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच इस पर आम सहमति बनाने की जरूरत है और इसके बाद हम तय करेंगे।

बालाकृष्णन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय सम्पत्ति की घोषणा के मामले में उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को सलाह नहीं देता और उन्होंने जो बयान जारी किया था, वह सामान्य प्रकृति का था। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मैंने कहा कि उच्च न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश को सम्पत्ति की घोषणा की स्वतंत्रता है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। इस मामले पर हम उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कोई सलाह नहीं देते। मैंने कुछ सामान्य बातें कहीं थी। मुझे लगता है कि मुझे इसका अधिकार है।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के किसी आम सहमति पर पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी तक कोई आम सहमति नहीं बनी है।

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