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एक साल में 72 करोड़ से अधिक की है आमदनी

रेलवे नियमों के तहत जिन स्टेशनों की वार्षिक आय 60 करोड़ रुपये की है, वे ए ग्रेड की श्रेणी में आते हैं। उसी हिसाब से स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है। लेकिन गाजियाबाद स्टेशन...

एक साल में 72 करोड़ से अधिक की है आमदनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Aug 2009 11:00 PM
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रेलवे नियमों के तहत जिन स्टेशनों की वार्षिक आय 60 करोड़ रुपये की है, वे ए ग्रेड की श्रेणी में आते हैं। उसी हिसाब से स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं का इंतजाम किया जाता है। लेकिन गाजियाबाद स्टेशन आमदनी में तो अव्वल है, पर यात्री सुविधाओं के मामले में अभी भी फिस्सडी ही हैं। ए ग्रेड की श्रेणी में आने के बावजूद यहां यात्रियों के लिए कैंटीन तक नहीं है।

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से रोजाना 200 ट्रेन ठहरकर चलती है। आंकडों के हिसाब से यहां से रोजाना एक लाख यात्री सफर करते हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या के हिसाब से स्टेशन की आमदनी भी लगातार बढ़ती जा रही है। रेलवे का नियम है कि जिन स्टेशनों पर हर माह पांच करोड़ से अधिक की आमदनी होती है, उस स्टेशन को ए ग्रेड श्रेणी के स्टेशनों में रखा जाता है। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली व निजामुद्दीन के बाद गाजियाबाद स्टेशन एक ग्रेड की श्रेणी में आता है।

गाजियाबाद स्टेशन पर रोजाना की आमदनी बीस लाख रुपये से अधिक है। वर्ष में 60 करोड़ की बैलेंस सीट के मुकाबले यहां का आंकड़ा 72 करोड़ से अधिक का है। जबकि यहां पार्सल बुकिंग का कार्य केवल दो से तीन ट्रेनों में ही किया जाता है। इतनी आमदनी होने के बावजूद यहां का स्टेशन सुविधाओं से महरूम हैं। यहां यात्रियों को खाने पीने के लिए कैंटीन तक की सुविधा नहीं है। कोई भी प्लेटफार्म मुख्य एंट्री के गेट पर नहीं है।

यात्रियों के ठहरने के लिए कोई रिटायरिंग रूम भी नहीं है। इतनी ही नहीं स्टेशन पर ए ग्रेड की श्रेणी की तर्ज पर कोई प्रशासनिक कार्यालय तक नहीं बना है। इस सबंध में उत्तर रेलवे के पीआरओ ए.एस नेगी का कहना है कि गाजियाबाद स्टेशन को मॉ़डर्न बनाने का काम जारी हैं। यहां यात्रियों के लिए फूड प्लाजा खोलने को हरी झंडी मिल चुकी हैं। इसके अलावा यहां आधुनिक स्टॉल बनाए जा रहे हैं।

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