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बोर्ड के फरमान से नकल माफियाओं की चाँदी

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बोर्ड एक्जाम में बाहरी छात्रों के प्रवेश पर लगी रोक को हटाने से नकल माफियाओं की निकल पड़ी है। बोर्ड के प्रवेश दे सकने की सीमा समाप्त कर देने के बाद जनपद में...

बोर्ड के फरमान से नकल माफियाओं की चाँदी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Aug 2009 11:11 PM
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा बोर्ड एक्जाम में बाहरी छात्रों के प्रवेश पर लगी रोक को हटाने से नकल माफियाओं की निकल पड़ी है। बोर्ड के प्रवेश दे सकने की सीमा समाप्त कर देने के बाद जनपद में दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में बाहरी छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है।

मौके का फायदा उठाते हुए 9वीं व 11वीं में अनुत्तीर्ण हुए छात्र भी नकल माफियाओं की मदद से बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने की कोशिश में लग गए हैं। गौरतलब है कि अभी तक यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त शासकीय व अशासकीय स्कूलों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएड में दूसरे स्कूलों के अधिकतम 10 छात्र ही प्रवेश पा सकते थे। बोर्ड द्वारा साल 2002 से ही बाहरी छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था।

लेकिन दो सप्ताह पहले बोर्ड ने 10वीं और 12वीं में प्रवेश पर सात सालों से लगी रोक हटा ली है। बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में परीक्षार्थियों की बढ़ती संख्या और कॉलेजों में उनके दाखिले के दबाव का हवाला देते हुए ये फैसला लिया है। मगर बाहरी छात्रों के प्रवेश पर रोक हटते ही नकल माफिया फिर से सक्रिय होने लगे हैं। ये शिक्षा माफिया 9वीं व 11वीं कक्षाओं में फेल छात्रों को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में एडमिशन दिलाने की जुगत में लग गए हैं। जनपद के कॉलेजों में गत वर्ष के मुकाबले इस साल बाहरी छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है।

 

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