दांत में कीड़ा
दांतों की साफ-सफाई के प्रति लापरवाही दांतों में कीड़ा लगने की मूल वजह है। साफ-सफाई न रखने से मुंह में अन्न कण बचे रह जाते हैं जिन पर बैक्टीरिया पलते-बढ़ते हैं, लैक्टिक एसिड बनता है और दांतों के मजबूत...
दांतों की साफ-सफाई के प्रति लापरवाही दांतों में कीड़ा लगने की मूल वजह है। साफ-सफाई न रखने से मुंह में अन्न कण बचे रह जाते हैं जिन पर बैक्टीरिया पलते-बढ़ते हैं, लैक्टिक एसिड बनता है और दांतों के मजबूत खोल यानी इनेमल में सेंध लगने से धीरे-धीरे छेद बन जाते हैं। इसलिए :
- भोजन चबा-चबाकर हड़बड़ी न करें। इससे लार अधिक मात्रा में बनती है और दांत उससे धुलकर साफ होते रहते हैं। ठीक से चबा कर खाया गया भोजन पाचनतंत्र के लिए भी उत्तम होता है।
- फल-सब्जियों का आनंद उठाएं। हम जितने सभ्य होते जा रहे हैं, खानपान उतना ही बिगड़ता जा रहा है। प्राकृतिक रेशेदार चीजें जैसे ताजा फल, सलाद और सब्जियां की हमारे भोजन में जगह घटती जा रही हैं, पर सच यह है कि भोजन में सलाद और कच्ची सब्जियों का होना न सिर्फ पोषण की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि दांतों की सुरक्षा के लिए भी प्रभावी है।
- भोजन उपरांत मीठा खाने की बजाय फल ग्रहण करने से भी दांत स्वयं साफ हो जाते हैं। अमरूद, सेब, नाशपती जैसे फल इस दृष्टि से उत्तम हैं।
- मिठाइयां, चॉकलेट, गोलियां, टाफियां, केक-पेस्ट्री, जैम, आइसक्रीम बेशक हमें लुभाती हैं, पर उनका लुत्फ उठाने के बाद अगर कुल्ला या ब्रश न किया जाए तो मीठे के दांतों पर चिपके रह जाने से बैक्टीरिया की भी दावत हो जाती है।
- चीनी भी दुश्मन है। चीनी भी दांतों के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स दांतों के लिए नुकसानदेह हैं।
- पानी है अमृत। खाने-पीने के बाद कुल्ला करने की पुरानी आदत चाहे आज हमें गंवारा नहीं, किंतु उसकी उपयोगिता अतुलनीय है।
- भोजन उपरांत एक-दो घूंट पानी पी लेने से भी दांतों की धुलाई हो सकती है। सोने से पहले टूथ-ब्रश जरूरी।