आखिर आठ वर्ष बाद शुरू हुई रुट पर बस सेवा
गोविंदपुरी को कालिंदी कुंज और लोनी को मुख्यमंत्री के गांव बादलपुर को जोड़ने के लिए आरटीओ द्वारा नगर बस सेवा को दिए गए परमिट की बसें कागजों पर ही दौड़ रही थी। आठ वर्षो तक ये बसें निर्धारित रुट पर नहीं...
गोविंदपुरी को कालिंदी कुंज और लोनी को मुख्यमंत्री के गांव बादलपुर को जोड़ने के लिए आरटीओ द्वारा नगर बस सेवा को दिए गए परमिट की बसें कागजों पर ही दौड़ रही थी। आठ वर्षो तक ये बसें निर्धारित रुट पर नहीं चल रही थीं। इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने के दूसरे दिन आरटीओ ने संचालन सुचारु रूप से जारी रखने के लिए टीमों को तैनात कर दिया है।
मोदीनगर के गोविंदपुरी क्षेत्र को कालिंदी कुंज तक वाया गाजियाबाद बस रूट तैयार किया गया था। जिसमें गाविंदपुरी से वाया मोदीनगर,एएलटी होते हुए कालिंदी कुंज के रूट पर बसों के संचालन को हरी झंडी दी गई थी। इस रूट पर बस दौड़ाने के लिए लगभग पचास बसों को परमिट दिया गया था। वहीं लोनी से गाजियाबाद होते हुए दादरी स्थित कोट के पुल तक दूसरे रूट पर लगभग 45 बसों को परमिट दिया गया था।
मुख्यमंत्री मायावती के गांव बादलपुर को लोनी से जोड़ने के मकसद से यह रूट तैयार किया गया था। बीते आठ वर्षो में इन बसों का संचालन पूरे रूट पर नहीं हो रहा था। हिन्दुस्तान द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जने पर आरटीओ सख्त हो गया। आरटीओ लाल जी चौधरी ने बताया कि बसों का संचालन पटरी से उतरे और संचालक मनमानी न कर सकें इसके लिए एआरटीओ (इ) अजरुन सिंह को लगाया गया है। उनके साथ आरटीओ की दो टीमों को लगाया गया है। जो दोनों रूट पर बसों के संचालन पर नजर रखेंगी।
उन्होंने बताया कि सभी संचालकों को नोटिस देकर सप्ताह भीतर पटरी पर आने का अल्टीमेटम दिया गया था। परमिट निरस्त करने की कार्रवाई के डंडे से यह सभी पटरी पर आ गए और मंगलवार से पूरे रूट पर संचालन शुरू हो गया।