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बिहटा स्टेशन पर छात्रों का उत्पात, श्रमजीवी की बोगियों को किया आग के हवाले

आरपीएसएफ जवानों द्वारा अपने दो साथियों की पिटाई के बाद गुस्साये छात्रों ने मंगलवार को बिहटा स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। घंटों चले हंगामे में छात्रों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस की तीन एसी बोगियां फूंक...

बिहटा स्टेशन पर छात्रों का उत्पात, श्रमजीवी की बोगियों को किया आग के हवाले
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 18 Aug 2009 08:10 PM
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आरपीएसएफ जवानों द्वारा अपने दो साथियों की पिटाई के बाद गुस्साये छात्रों ने मंगलवार को बिहटा स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। घंटों चले हंगामे में छात्रों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस की तीन एसी बोगियां फूंक डाली। आग की लपटों से पास खड़ी संघमित्र एक्सप्रेस के दो स्लीपर और दो जनरल बोगी प्रभावित हो गयीं। छात्रों का आक्रोश इस कदर धधका कि दो घंटे तक किसी  की न चली। इस दौरान उनकी पुलिस से भिड़ंत भी हुई। छात्रों ने जमकर पत्थरबाजी की और इसमें तीन पुलिसकर्मी सहित आधा दजर्न लोग जख्मी हो गये।

झगड़े की शुरुआत आरपीएसएफ के सिपाहियों द्वारा दो छात्रों की पिटाई के बाद हुई। छात्रों के उत्पात को देखकर ट्रेनों के यात्री भाग खड़े हुए। इस दौरान घायल छात्र की मौत की अफवाह फैलते ही छात्रों के गुस्से ने और उग्र रूप धारण कर लिया। उन्होंने बिहटा स्टेशन पर खड़ी श्रमजीवी एक्सप्रेस की सभी बोगियों में लगे शीशे को बारी-बारी से तोड़ डाला और इसके बाद उसमें आग लगा दी। घटना की सूचना पाकर स्थानीय प्रशासन दल बल के साथ पहुंचा मगर छात्रों के गुस्से को देख मूकदर्शक बन तमाशा देखता रहा।

मिली जानकारी के अनुसार श्रमजीवी एक्सप्रेस में छात्रों का एक दल बक्सर में सवार हुआ। हमेशा की तरह सभी छात्र स्लीपर बोगी में सवार हुए थे। ट्रेन खुलते ही एस्कार्ट कर रहे आरपीएसएफ के जवानों ने पहले छात्रों से टिकट मांगा। छात्रों ने मासिक पास दिखाया। पास देखते ही जवान गुस्से में आकर छात्रो को बोगी से उतारने पर अड़ गये। मात्र यही नहीं छात्रों के साथ चढ़े लोगों से वे रोज की तरह बीस-बीस रुपये की अवैध वसूली करने लगे। छात्रों ने इसका विरोध किया। ट्रेन आरा स्टेशन पर रूकी तो जवानों ने रंजीत कुमार व विश्व प्रकाश नामक छात्रों को जबरन गार्ड बोगी में ले जाकर गेट बंद कर दिया। तबतक ट्रेन आरा से खुल चुकी थी।

सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर श्रमजीवी एक्सप्रेस बिहटा स्टेशन पहुंची तो जवानों ने दोनों छात्रों को गंभीर रूप से घायल अवस्था में उतारा। घायल छात्रों को देख उनके सहपाठियों का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ गया। इधर बिहटा में ट्रेन पकडने आए छात्रों को भी इस घटना की जानकारी मिली। हंगामें पर उतारू छात्रों के एक गुट ने ट्रेन का वैक्यूम कर दिया। छात्रों का दूसरा गुट घायल छात्रों को समीप के डाक्टर के पास ले गया। घायल छात्रों की गंभीर स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया।

ऐसा सुनकर छात्रों ने उग्र रूप धारण कर लिया और तोड़फोड तथा आगजनी शुरू कर दी। सबसे पहले छात्रों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस के एसी फस्र्ट क्लास की बोगी संख्या 900028 में आग लगा दी। फिर एसी थ्री टायर और टू टायर की एक-एक बोगियों को आग के हवाले कर दिया। घटना की सूचना पाकर दानापुर डीएसपी आनंद कुमार सिंह और अनुमंडलाधिकारी आदेश तितरमारे के अलावा बिहटा, मनेर, दानापुर, पाली, बिक्रम, दुल्हिन बजार की पुलिस पहुंची।

पुलिस को देख छात्रों ने पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया। इसके कारण पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इसी दौरान बिहटा स्टेशन पर डाउन संघमित्र एक्सप्रेस पहुंची और श्रमजीवी एक्सप्रेस की बगल में खड़ी हो गयी। छात्रों के उग्र रूप को देख दोनों ट्रेनों के यात्री उतर कर भाग खड़े हुए। मूकदर्शक बनी पुलिस को देख कर असामाजिक तत्वों ने मौके का जमकर फायदा उठाया और ट्रेन की बैटरी तथा यात्रियों के छूटे सामान लेकर चलते बने। इधर पत्थर बाजी से प्लेटफार्म और बोगियां पट गयी।

पत्थरबाजी में मनेर थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, सिपही नागेन्द्र महतो और दयानन्द दास मामूली रूप से जख्मी हो गये। घंटो चले हंगामे के बाद ग्रामीण एसपी छत्रनील सिंह, डीआरएम ज्ञान प्रकाश, आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे। तीन अग्निशामक वाहन और वज्र वाहन भी आये। तब जाकर उग्र छात्रों को खदेड़ कर स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।

इसके बाद जलती हुई बोगियों को हटाकर आग बुझयी गयी। पांच घंटे बाद दिन के 1 बजकर 50 मिनट में शेष बोगियो को लेकर श्रमजीवी एक्सप्रेस बिहटा से रवाना हुई। समाचार लिखें जाने तक घायल छात्र के मरने की पुष्टि नहीं हो पायी है। पुलिस बिहटा स्टेशन पर कैम्प किए हुए है।

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