सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर ऐसी बीमारी है, जो कि गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने के कारण होती है। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर के मामले फ्लैटंड और स्क्वैम्श कोशिकाओं की बढ़ोतरी के कारण होती है। शेष दस...
सर्वाइकल कैंसर ऐसी बीमारी है, जो कि गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने के कारण होती है। अधिकांश सर्वाइकल कैंसर के मामले फ्लैटंड और स्क्वैम्श कोशिकाओं की बढ़ोतरी के कारण होती है। शेष दस प्रतिशत मामले ग्लैंडुलर, म्युकस आदि के कारण होते हैं। सर्वाइकल कैंसर की कैंसर से पहले वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है। इस स्थिति में इसका सौ प्रतिशत इलाज संभव है।
जब यह बीमारी कैंसर बन जाती है, तो इसे कार्कीनोमा कहा जाता है। ऐसे वायरस के इंफेक्शन की वजह से जिससे एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा) हो जए, तो इससे डिस्प्लेसिया और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे पार्टनर के साथ सेक्स करने से जिसने कई लोगों के साथ सेक्स किया हो। जिन महिलाओं का तंत्रिका तंत्र कमजोर होता है, साथ ही जिन महिलाओं का अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, उन्हें ये बीमारी होने की संभावना रहती है।
शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर को लक्षणों द्वारा नहीं पहचाना ज सकता। लेकिन अगर वेजिनल डिस्चार्ज जो कि पीले, गुलाबी, भूरा, पानी सदृश हो और उससे दुर्गंध आती हो, तो आप चेकअप कराकर इस बात का पता लगा सकती हैं कि कहीं आपको डिस्प्लेसिया या सर्वाइकल कैंसर तो नहीं। अगर वेजिनल से अनियिमित ब्लीडिंग हो रही हो, इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग होती हों, मीनोपोज के दौरान अनियिमित और ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो भी जांच करानी जरूरी है। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर के सामान्य लक्षण भूख कम लगना, वजन कम होना, थकान महसूस करना और बोन फ्रैक्चर आदि होते हैं।
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