गवर्नर ने सात दिन में मांगा रिजल्ट, उच्चस्तरीय टीम ने किया दौरा
कुजू के पास एनएच 33 के बंद होने से शनिवार को अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। राज्य मुख्यालय में राज्यपाल ने बैठक कर सात दिन में रिजल्ट देने को कहा। उधर अफसरों की टीम ने प्रभावित इलाके का दौरा किया। इस...
कुजू के पास एनएच 33 के बंद होने से शनिवार को अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। राज्य मुख्यालय में राज्यपाल ने बैठक कर सात दिन में रिजल्ट देने को कहा। उधर अफसरों की टीम ने प्रभावित इलाके का दौरा किया। इस बीच आग पर काबू पाने के लिए विशेषज्ञ को कुजू इलाके में बुलाया गया है। इधर हजारीबाग से रांची आनेवाले मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
राज्यपाल के शंकरानारायणन ने एक उच्चस्तरीय बैठक में आग पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिया। इसके बाद अधिकारियों को स्थल का निरीक्षण करने के लिए भेजा। दल में खनन एवं पथ सचिव, सीसीएल सीएमडी, रामगढ़ के डीसी एवं हाइवे के आला अधिकारी शामिल थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आग से आसपास के गांव या आबादी अगर प्रभावित हैं, तो उन्हें सुरक्षित जगह पर बसाया जाए। युद्धस्तर पर डायवर्सन बनाने का निर्देश भी उन्होंने दिया।
उन्होंने जगह-जगह पर वाहनों के लिए मार्गदर्शन संकेत लगाने और आग बुझने के लिए बाहर से विशेषज्ञ बुलाने को कहा। बैठक में राज्यपाल के परामर्शी जी कृष्णन, टीपी सिन्हा, पथ सचिव एनएन सिन्हा, खनन सचिव एसके सत्पथी, सीसीएल के सीएमडी आरके साहा सहित उच्च अधिकारी मौजूद थे। आग पर काबू पाने के लिए धनबाद से विशेषज्ञ एन सहाय को बुलाया गया है।
फिलहाल श्री सहाय आग का जायजा ले रहे हैं। वह कुजू में ही कैंप करेंगे। राज्यपाल के निर्देश पर खान सचिव एसके सतपत्थी, पथ सचिव एनएन सिन्हा, सीसीएल सीएमडी आरके साहा, एनएच के मुख्य अभियंता मुरारी भगत, रामगढ़ के उपायुक्त अरुण कुमार सिन्हा, वन विभाग के डीएफओ एससी राय सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया।
बाद में खान सचिव ने मीडिया से कहा कि कि अगर समय रहते इस पर ध्यान दिया गया होता, तो ऐसी स्थिति नहीं आती। उन्होंने आग को काबू में करने, डायवर्सन बनाने और आसपास के लोगों के पुनर्वास को प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि डायवर्सन बनाने में कम से कम 90 दिन लगेगा।