बौद्घ भिक्षु भी कर रहे हैं सूखे से मुक्ति की साधना
यूं तो बिहार में बारिश के लिए कई इलाकों में भगवान को मनाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड के साथ-साथ कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। परंतु अब बिहार के विश्व प्रसिद्घ बौद्घ तीर्थस्थलों में एक...
यूं तो बिहार में बारिश के लिए कई इलाकों में भगवान को मनाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड के साथ-साथ कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। परंतु अब बिहार के विश्व प्रसिद्घ बौद्घ तीर्थस्थलों में एक बोधगया में बौद्घ भिक्षुओं ने बारिश के लिए मंत्रोच्चार कर साधना प्रारंभ कर दी है।
बोधगया स्थित विभिन्न बौद्घ महाविहारों के बौद्घ भिक्षु सूखे और अकाल से छुटकारा पाने के लिए पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे मंत्रोच्चार करते हुए साधना कर रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसी साधना से पूरे बिहार में सूखे और अकाल की स्थिति समाप्त हो जाएगी और अच्छी बारिश होगी।
‘महाबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया’ के बोधगया केन्द्र के प्रभारी तथा महासचिव भिक्षु पी़ सिवली थेरो ने शक्रवार को बताया कि यह कार्यक्रम आने वाले 12 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने बताया कि बौद्घ भिक्षु प्रतिदिन तड़के दो घंटे सुखाड़ और बाढ़ पीड़ितों के कल्याणार्थ मंत्रोच्चार और साधना करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस समय बौद्घ भिक्षु वर्षावास काल व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में साधना और मंत्रोच्चार बहुत प्रभावी माना जता है। यह मंत्रोच्चार तथा साधना भिक्षु थेरो के नेतृत्व में गुरूवार से हो रही है।
उधर, महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एऩ दोरजे बताते हैं कि यह साधना लोक कल्याणार्थ है। उन्होंने बताया कि एक समय वैशाली गणराज्य में भी अकाल पड़ा था। उस समय भगवान बुद्घ ने ‘रत्न सुप्त ‘ का पाठ किया था। ऐसा करने से अकाल पर काबू पा लिया गया था और जनजीवन सामान्य हो गया था।