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विभिन्न विभागों में किताबों और उपकरणों के लिए 1.72 करोड़

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में विभिन्न विभागों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए 15 प्रवक्ताओं के पद मंजूर किए हैं। इसमें इतिहास और पत्रकारिता विभाग में 2-2...

विभिन्न विभागों में किताबों और उपकरणों के लिए 1.72 करोड़
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 06 Aug 2009 09:41 PM
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में विभिन्न विभागों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए 15 प्रवक्ताओं के पद मंजूर किए हैं। इसमें इतिहास और पत्रकारिता विभाग में 2-2 पद हैं। कुछ अन्य विभागों को एक-एक पद दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र के लिए एक महिला डाक्टर और एक पुरुष डाक्टर के पद भी संस्तुत किए गए।

गौरतलब है कि यूजीसी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत विजिटिंग टीम की सिफारिश पर 10.26 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी। उसकी सूचना पहले ही विश्वविद्यालयों को भेज दी गई थी। अब उसका विस्तृत विवरण भेजा गया है। इसके मुताबिक विभिन्न विभागों में पुस्तकों और उपकरणों की खरीद के लिए 1.72 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इसमें पत्रकारिता विभाग को 20.50 लाख, इतिहास को 19.50 लाख, हिन्दी को 12.50 लाख, संस्कृत को 12 लाख, मनोविज्ञान को 12 लाख, गांधी अध्ययन पीठ को 11.75 लाख, अंग्रेजी को 11.30 लाख, ललित कला को 11.50 लाख, मंचकला को 11 लाख, शिक्षाशास्त्र को 10.50 और विधि को 10.50 लाख रुपये मिले हैं। इसके अलावा अन्य विभागों को एक से दो लाख रुपये का आवंटन हुआ है। केंद्रीय पुस्तकालय में सुविधाओं के विस्तार के लिए, स्वास्थ्य केंद्र और परिसर विकास के लिए 50-50 लाख रुपये आवंटित हैं।

छात्र सुविधाओं के लिए 10 लाख, अतिथिगृह के लिए 25 लाख, कर्मचारी और शिक्षक आवास के लिए 50-50 लाख, कम्युनिटी सेंटर के लिए 50 लाख, कम्प्यूटर सेंटर व खेलकूद की सुविधाओं के लिए 50 लाख, छात्राओं की सुविधाओं के लिए 50 लाख और महिला छात्रावास के लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

पुराने विश्वविद्यालयों के लिए स्पेशल ग्रांट के तौर पर भी एक करोड़ रुपये की धनराशि अलग से आवंटित की गई है। रिमेडियल कोचिंग के लिए 15 लाख और नेट व सेट की तैयारी के प्रशिक्षण के लिए 33 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत सभी राज्य विश्वविद्यालयों को क्वालिटी कंट्रोल सेल गठित करने का निर्देश दिया है। इसके लिए पांच लाख रुपये अलग से मंजूर किए गए हैं।

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