एक्सीडेंट बताकर बलिया पुलिस ने दफना दिया था शव
‘ऐसा भी नहीं कि मुझे उससे मिला दे कोई, कैसे मरा वो बस इतना बता दे कोई, सूखी है बड़ी देर से मेरे पलकों की जुबां, बस जी भरके आज मुझे रुला दे कोई’ ये पंक्तियां उस अभागे बाप पर सटीक बैठती...
‘ऐसा भी नहीं कि मुझे उससे मिला दे कोई, कैसे मरा वो बस इतना बता दे कोई, सूखी है बड़ी देर से मेरे पलकों की जुबां, बस जी भरके आज मुझे रुला दे कोई’ ये पंक्तियां उस अभागे बाप पर सटीक बैठती हैं, जो महीनों से अपने बेटे की मौत की सच्चाई जानने के लिए दर-दर भटक रहा है।
लगभग सभी अफसरों के दफ्तर में न्याय की भीख मांगते-मांगते निराश हो चुके इस बाप के आंसू भी अब सूख चले हैं। फिर भी उसने न्याय की आस में अपनी दु:ख भरी दास्तां की पाती पुलिस महानिदेशक के यहां भेजी है, जिसमें सात सवाल किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के ताजपुर डेहमा निवासी शकील अहमद का पुत्र शाहंशाह आलम इसी साल यूपी बोर्ड की इंटर की परीक्षा देने के लिए बलिया जिले के भीमपुरा थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव में आया था जहां गांव के बाहर सुनसान इलाके में उसका शव खून से लथपथ मिला था।
उसके शव को बिना पोस्टमार्टम कराये ही उसके गांव ले जाकर दफना दिया गया। पुलिस इस घटना को महज एक्सीडेंट मानती रही। बेटे की मौत की खबर जब असम में रह रहे शकील अहमद को मिली तो उन्होंने वहां से फोन से शव को दफन करने से रोकने की अपील की और बोले कि मेरे गांव आने के बाद ही कुछ होगा। वह गांव आये, लेकिन तब तक शव दफन हो चुका था।
शकील के मुताबिक उन्हें शंका हुई कि उनके बेटे का एक्सीडेंट नहीं हुआ है बल्कि हत्या की गयी है। उन्होंने पुलिस उच्चधिकारियों से कब्र से निकालकर शव का पोस्टमार्टम कराये जाने की गुहार लगायी, लेकिन किसी ने उनकीबातों को गंभीरता से नहीं लिया। उसके बाद शकील ने न्यायालय की शरण ली तो भीमपुरा थाना ने प्राथमिकी दर्ज ली, लेकिन शव का पोस्टमार्टम आज तक नहीं कराया।
‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में शकील ने कहा कि उनके बेटे शाहंशाह की हत्या की गयी है, जिसे बलिया पुलिस छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि अगर उनके बेटे का एक्सीडेंट भी हुआ तो पुलिस दे उसके शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया? उनके मना करने पर भी शव को क्यों दफनाया गया?
शकील का कहना है कि वह अपने बेटे की हत्या का राज एक दिन अवश्य खोलेगा, उसके लिए चाहे उसे कितनी भी मशक्कत क्यों न करनी पड़े। शकील ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को भेजे गये पत्र में उनसे सात सवाल किये हैं।