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वाडा (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना 10 नवंबर,...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 04 Aug 2009 11:08 PM
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वाडा (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना 10 नवंबर, 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी। वर्तमान में वाडा का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में है। वाडा के वर्तमान अध्यक्ष ऑस्ट्रेलिया के पूर्व वित्तमंत्री जॉन फाहे हैं। यह संस्था विश्वभर में वैज्ञानिक शोध, एंटीडोपिंग के विकास की क्षमता में वृद्धि और दुनिया भर में वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड पर अपनी निगाह रखती है।

वाडा हर साल प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करता है, जिनका दुनिया के तमाम देशों में खेलों के दौरान इस्तेमाल पर रोक होता है। पहली जांच में ही दोषी पाये जाने पर खिलाड़ी पर वाडा सभी खेल प्रतियोगिता में दो वर्षो तक भाग लेने पर प्रतिबंध लगा सकता है। हाल के वर्षो में वाडा खेलों में ड्रग्स के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर काफी सक्रिय है।

वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड का अनुपालन पहली बार 2004 के एथेंस ओलंपिक में किया गया था। विश्व के लगभग 600 खेल संस्थाओं ने ड्रग्स से जुड़ी संहिता को स्वीकार किया है। अभी दुनिया में वाडा से मान्यता प्राप्त 35 प्रयोगशालाएं हैं, जहां ड्रग्स लेने वाले के नमूनों की जांच और इसे रोकने के लिए अनुसंधान होते हैं। राजधानी दिल्ली में भी वाडा से मान्यता प्राप्त एक प्रयोगशाला है। यह दुनिया का 34 वां प्रयोगशाला है।

वाडा के 1 जनवरी, 2009 से लागू नए नियम ने कई बार विवाद को भी जन्म दिया है। इसके सख्त नियमों पर विश्व के कई बड़े खिलाड़ियों ने सवाल भी उठाए हैं। हाल में वाडा का नया नियम, जिसमें कहा गया है कि मैच के आलावा अन्य समय में डोप टेस्ट के लिए खिलाड़ियों को ये बताना पड़ेगा कि वे कहां हैं, काफी विवाद में है।

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