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स्कूलों में मोबाइल के प्रतिबंध का सभी ने किया स्वागत

-- स्कूल प्रिंसिपल्स ने कहा-आदेश का सख्ती से होगा पालन -- स्कूल की ओर से पैरेंट्स को दी जाएगी सख्त हिदायत -- सीबीएसई के फैसले को बच्चों ने भी ठहराया जायज सीबीएसई द्वारा स्कूल में मोबाइल फोन के...

स्कूलों में मोबाइल के प्रतिबंध का सभी ने किया स्वागत
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 04 Aug 2009 10:02 PM
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-- स्कूल प्रिंसिपल्स ने कहा-आदेश का सख्ती से होगा पालन
-- स्कूल की ओर से पैरेंट्स को दी जाएगी सख्त हिदायत
-- सीबीएसई के फैसले को बच्चों ने भी ठहराया जायज

सीबीएसई द्वारा स्कूल में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का सभी स्कूल प्रिंसिपल सहित पैरेंट्स ने स्वागत किया है। महानगर के अधिकतर स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल पर पहले से ही रोक लगी हुई है। मगर जिनमें प्रतिबंध लागू नहीं है उन्होंने सीबीएसई के निर्णय को कड़ाई से लागू करने की बात कही।
बोर्ड के इस फैसले पर पैरेंट्स व बच्चों ने भी खुशी जाहिर की है। साथ ही शहर के कॉलेजों में पहले से ही ड्रेस कोड लागू होने लो वेस्ट जींस पर लगा प्रतिबंध मायने नहीं रखता।


पैरेंट्स ने बोर्ड के फैसले को सही ठहराया। पैरेंट्स के मुताबिक इससे पढ़ाई का माहौल बनेगा और इसका रिजल्ट पर असर दिखाई देगा। देहरादून पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रिचा सूद ने कहा कि मोबाइल पर रोक का सीबीएसई का फैसला तारीफ के काबिल है। बोर्ड को इसे बहुत पहले लागू कर देना चाहिए था। स्कूल में मोबाइन फोन के इस्तेमाल से पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है। क्लास रूम में बच्चे पढ़ाई से ज्यादा एक-दूसरे को एसएमएस करने में ही लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में फोन लाने पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अब स्कूल स्टॉफ व टीचरों को स्कूल कैंपस में फोन का कम से कम उपयोग करने की हिदायत दे दी जाएंगी।


जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल जे के गौड़ ने बताया कि यूपी सरकार ने पहले से ही स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगा रखी है। बोर्ड के इस फैसले से उन स्कूलों को राहत मिलेगी जो मोबाइल पर बैन नहीं लगा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि 12वीं क्लास तक के बच्चों को मोबाइल की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे सिर्फ बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भंग होता है। खेतान स्कूल की प्रिंसिपल नलिनी बहल ने कहा कि पैरेंट्स बच्चों के लिए मोबाइल फोन की वकालत करते हैं। जबकि मोबाइल से बच्चों का कीमती समय ही जाया होता है। पैरेंट्स मीटिंग में सभी पैरेंट़्स को बोर्ड के फैसले की जानकारी दे दी जाएगी।


डीडीपीएस के छात्र रुचि ने कहा कि  स्टूडेंट्स क्लास के वक्त एक दूसरे को एसएमएस भेजने और गाने सुनने में लगे रहते हैं। जिससे बाकी बच्चों को भी परेशानी होती है। मोबाइल पर रोक का बोर्ड का फैसला सही है। इंग्राहम इंस्टिटय़ूट के छात्र मोहित ने कहा कि सीबीएसई की मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक से स्टूडेंट्स इधर-उधर की बातों से ज्यादा अब पढ़ाई पर फोकस कर सकेंगे।

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