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रेगिस्तान में तेल की खेती की आेर बढ़े कदम

राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित तेल भंडारों से पेट्रोलियम के व्यवसायिक उत्पादन शुरू करने पर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। केन्द्र सरकार ने बाडमेर तेल क्षेत्र से केयर्न इंडिया की उत्पादन...

 रेगिस्तान में तेल की खेती की आेर बढ़े कदम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित तेल भंडारों से पेट्रोलियम के व्यवसायिक उत्पादन शुरू करने पर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। केन्द्र सरकार ने बाडमेर तेल क्षेत्र से केयर्न इंडिया की उत्पादन तैयारियों पर अपनी मोहर लगाते हुए इस तेल के खरीददार के रूप में इंडियन ऑयल कारपोरेशन और मेंगलूर रिफाइनरी एण्ड पैट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के नामित कर दिया है। अब उत्पादन शीघ्र प्रारंभ होने के लिए क्रुड ऑयल सेल्स एग्रीमेंट का तय होना ही शेष है। केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम सचिव आरएस पाण्डेय ने मंगलवार को यह संकेत दिए कि मेंगलूर रिफाइनरी एण्ड पैट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ-साथ इंडियन ऑयल कारपोरेशन भी अगर थार के कच्चे तेल के खरीददार के रूप में नामित होगी तो केन्द्र सरकार के पास लम्बे समय से लम्बित एक मुद्दे का हल निकल आएगा। विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए केन्द्र सरकार ने यह आश्वासन दिया था कि तेल खोज होने की स्थिति में सरकार अपनी तरफ से तेल का खरीददार और विक्रय का समझौता पत्र तय करवाएगी। इसके अलावा यह आश्वासन भी दिया गया कि रायल्टी और स्थानीय कर देने की जिम्मेदारी आेएनजीसी की रहेगी। हाल ही में इंडियन ऑयल कारपोरेशन के निदेशक (रिफाइनरी) बी एन बांकापुर ने बाडमेर प्रवास के दौरान यह संकेत दिए थे कि उनकी कंपनी केयर्न से 15 लाख मीट्रिक टन तेल खरीद सकती है। इस बीच केयर्न ने यह संकेत भी दिए कि यदि केन्द्र सरकार खरीददार और विक्रय समझौता तय कर देती है तो वह इस साल की तीसरी तिमाही से पहले भी उत्पादन शुरू कर सकती है। केयर्न इंडिया ने बाडमेर के तेल क्षेत्र से तेल उत्पादन की तैयारियां तेज कर दी हैं। उत्पादन की दर को 1.75 लाख बेरल तक पहुंचाने के लिए कुआें की खुदाई का काम बाडमेर से लगभग तीस किलोमीटर दूर मंगला तेल क्षेत्र में जारी है। हाल ही में अमेरीका की एक अत्याधुनिक रिंग ने मंगला क्षेत्र में खुदाई शुरू की है। इससे पहले इसी प्रकार की एक रिंग मंगला में सक्रिय है। कंपनी ने अमेरीका के टेक्सास प्रांत से 1000 एचपी की रिंग 8.6 करोड डॉलर की लागत से हासिल की हे। पहली रिंग गत चार माह से बाडमेर में उत्पादन कुआें की खुदाई कर रही है। आधुनिक रिंग के उपयोग से खुदाई का काम तेजी से पूरा किया जाता है तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में समय भी लगता है। भारत में अब तक काम में ली जा रही परम्परागत रिगों से यह रिंग तकनीक के मामले में बहुत आगे है और इनसे बाडमेर के मंगला भाग्यम ऐश्वर्या तेल क्षेत्रों में उत्पादन कुए खोदे जाएंगे। हाल ही में घोषित कंपनी की योजना के मुताबिक राजस्थान में पहला उत्पादन 200ी तीसरी तिमाही में शुरू होगा। शुरुआती दौर में ट्रकों द्वारा 30,000 बैरल तेल प्रतिदिन क्षमता की पहली प्रोसेसिंग ट्रेन के द्वारा होगा। 200ी चौथी तिमाही में पाइपलाइन की शुरुआत के साथ 50, 000 बैरल प्रतिदिन क्षमता वाली दूसरी ट्रेन की शुरुआत और मंगला के 125000 बैरल तेल प्रतिदिन की पूर्ण क्षमता तक पहुंचने के साथ 2010 की पहली छमाही में 50, 000 बैरल तेल प्रतिदिन क्षमता वाली तीसरी ट्रेन की शुरुआत होगी। वर्ष 2010 में ही 75, 000 बैरल तेल प्रतिदिन क्षमता वाली चौथी ट्रेन की शुरुआत के साथ राजस्थान में 175, 000 बैरल तेल प्रतिदिन के शीर्ष उत्पादन की स्तर की प्राप्ति होगी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल धीर के अनुसार राजस्थान में अपस्ट्रीम विकास और तेल पाइपलाइन संबंधी निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हजारों लोग जुटे हुए।

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