फोटो गैलरी

Hindi Newsअब ऑनलाइन होगा चाइल्ड एडॉप्शन

अब ऑनलाइन होगा चाइल्ड एडॉप्शन

अब बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया जल्द ही ऑनलाइन होने जा रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अन्तर्गत गठित केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण(कारा) ने बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने...

अब ऑनलाइन होगा चाइल्ड एडॉप्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 Jul 2009 12:59 PM
ऐप पर पढ़ें

अब बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया जल्द ही ऑनलाइन होने जा रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अन्तर्गत गठित केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण(कारा) ने बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का काम शुरू कर दिया है। बच्चों के सारे रिकॉर्ड, उम्र और लिंग सम्बन्धी जानकारी का विवरण अब ऑनलाइन उपलब्ध होगा। सुविधाजनक बात यह भी होगी कि बच्चे की फोटो भी सम्बन्धित जानकारी के साथ वेबसाइट पर मौजूद होगी, ताकि गोद लेने वाले अभिभावक बच्चे की फोटो भी ऑनलाइन देख सकें।

बच्च गोद लेने वाले आवेदक अब घर बैठ कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। आवेदक की पूरी जांच-पड़ताल एवं संतुष्ट होने के बाद एजेंसी उसे बच्च उपलब्ध करवायेगी। रजिस्ट्रेशन के समय किस केन्द्र में कितने बच्चे उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी भी अब ऑनलाइन मिल पाएगी। आवेदक को अपने आवेदन पर की गई कार्रवाई की सभी जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी, इसके लिए उसे इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। आवेदक को भी एक लॉगइन आईडी मिलेगी, जिससे वह अपने आवेदन पर की गई कार्रवाई की स्थिति जान सकेगा।सभी केन्द्रों को भी एक यूजर आईडी(कोड) दिया जाएगा। दिलचस्प रूप से देश का कोई भी केन्द्र अन्य केन्द्र की गतिविधियों को ऑनलाइन नहीं देख सकेगा। केवल कारा का ही सभी केन्द्रों पर पूर्ण नियंत्रण होगा एवं वही सभी केन्द्रों की गतिविधियों देख सकेगा। इस मुद्दे की संवेदनशीलता के मद्देनजर यह अहतियात बरती गई है। भविष्य में चाइल्ड एडॉप्शन साइट को मिसिंग चाइल्ड वेबसाइट से भी जोड़े जाने की संभावना है। इससे माता-पिता से बिछुड़ गए बच्चों को उनके माता-पिता या अन्य गोद लेने वाले के इच्छुक लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा। देश के भीतर सभी चाइल्ड एडॉप्शन एजेंसियों को इस वेबसाइट से जोड़ दिया जाएगा। एजेंसियों के लिए वेबसाइट पर चाइल्ड रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। इस वेबसाइट को ऑनलाइन करने में राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) की मुख्य भूमिका है। एनआईसी में कार्यरत डॉ. वीवीएस मूर्ति, डॉ. सिंह, कविता श्रीवास्तव ने मिल कर इस वेबसाइट का सॉफ्टवेयर तैयार किया है।

एडॉप्शन की जटिल प्रक्रिया और उचित दिशा-निर्देश न होने के कारण कारा पिछले तीन वर्षो में देश के भीतर केवल 3000 और विदेशों में 900 बच्चों को ही गोद दे पाया है।  कारा के अधीन केन्द्रों के रिकॉर्ड में मोटे तौर पर लगभग 6000 बच्चे हैं। इन बच्चों के अलावा न जाने कितने बच्चे गैर-सरकारी रूप से गोद दिए जाते रहे हैं, लेकिन उचित कार्रवाई न होने के चलते उनका कही भी अधिकृत रिकॉर्ड नहीं है। ऑन लाइन होने से बच्च गोद लेने की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की उम्मीद की जा रही है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें