यूटीआई
यूटीआई या यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन स्त्रियों को होता है। इसमें मूत्रमार्ग में संक्रमण से गुर्दो की कामकाजी क्षमता आहत होती है। बच्चे, बूढ़े और पुरुष भी इसके चंगुल में फंस सकते हैं, लेकिन स्त्रियों पर...
यूटीआई या यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन स्त्रियों को होता है। इसमें मूत्रमार्ग में संक्रमण से गुर्दो की कामकाजी क्षमता आहत होती है। बच्चे, बूढ़े और पुरुष भी इसके चंगुल में फंस सकते हैं, लेकिन स्त्रियों पर इसकी गाज अधिक गिरती है।
देर करना ठीक नहीं : जब भी मूत्र त्याग की इच्छा हो तुरंत बाथरूम जाएं। देर करने से भीतर बैक्टीरिया को पलने-बढ़ने की छूट मिलती है।
शॉवर या बाल्टी-मग से स्नान बेहतर : जननांगों की साफ-सफाई पर भी पूरा ध्यान दें। सच मानिए टब में नहाने की अपेक्षा शॉवर के नीचे या बाल्टी-मग से स्नान करना कहीं बेहतर है। ऐसे में बैक्टीरिया पानी के साथ तुरंत धुल जाते हैं। बाथ-टब में बैठकर नहाने से गुदा के जीवाणु मूत्रमार्ग के संपर्क में आ सकते हैं।
प्रक्षालन की सही विधि : ध्यान रहे कि बाथरूम में अगर टायलेट पेपर से गुदा-द्वार को साफ करें तो एक बार में आगे से पीछे की ओर साफ करें।
जलन पैदा करने वाले उत्पादों से बचें : दुर्गन्धनाशक स्प्रे और स्नान के उपयोग में लाए जानेवाले उत्पाद जैसे बबल बाथ कुछ महिलाओं को माफिक नहीं आता। इनके इस्तेमाल से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
सूती अधोवस्त्र : कॉटन यानी सूती कपड़े के बने अंतर्वस्त्र सामान्य नमी एवं स्रावों को नायलॉन की अपेक्षा सोखने की अधिक क्षमता रखते हैं।
वयस्क जीवन की सावधानियां : सहवास पूर्व स्नान करने से मूत्रीय प्रणाली में संक्रमण की आशंका घट जाती है। सहवास के तुरंत बाद भी मूत्राशय खाली करना ठीक होता है।
एंटीबायोटिक डोज : अगर यौन संबंधों के बाद बार-बार यूटीआई होता है तो चिकित्सक के सुझव से एंटीबायोटिक की डोज लें।
तरल पदार्थों का सेवन : रोजाना 8-10 गिलास तरल पदार्थ जैसे पानी, जूस, सूप आदि जरूर पीएं। इससे मूत्रमार्ग बराबर धुलता रहेगा।