उभरती प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास
संगीतकार बनने का सपना खुद पूरा नहीं कर पाए दूसरों के अंदर छिपी प्रतिभा को उभारने की ठान ली। श्यामपार्क एक्सटेंशन में रहने वाले अमर सिंह नामधारी का कुछ ऐसा ही करने के प्रयास में है। इसके लिए...
संगीतकार बनने का सपना खुद पूरा नहीं कर पाए दूसरों के अंदर छिपी प्रतिभा को उभारने की ठान ली। श्यामपार्क एक्सटेंशन में रहने वाले अमर सिंह नामधारी का कुछ ऐसा ही करने के प्रयास में है। इसके लिए उन्होंने म्यूजियम-1 स्टूडियो की शुरूआत की है। जहां संगीत की उभरती प्रतिभाओं का एलबम बनाने का काम किया जएगा।
स्टूडियो का उद्घाटन मंगलवार को किया गया। इस मौके पर अमर सिंह नामधारी ने बताया कि उन्हे बचपन से ही संगीत का शौक रहा है। संगीत के कार्यक्रमों में वह विदेश यात्रा भी की है। उन्होंने बताया कि 1984 में दिल्ली के कमानी ऑडीटोरियम में नेसनल लेबल पर हुए गजल कंपटीशन का खिताब उन्होंने जीता था। 1992 में कोई पेय पदार्थ पीने से उनको गला हमेशा के लिए खराब हो गया। इसके कारण संगीतकार बनने का सपना अधूरा रह गया। नामधारी ने बताया कि म्यूजिक स्टूडियों खोलकर उभरती प्रतिभाओं का अलबम बनाकर उन्हें आगे बढाने का प्रयास करेंगे। इस मौके पर उनके गुरू जय दयाल, उद्योग पति एचएस शर्मा, हर विलास गुप्ता आदि कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।