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बाल मजदूरों को शिक्षित करने के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की योजना

बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग ने राज्य में बाल मजदूरी प्रथा की बहुलता एवं बच्चों की तस्करी के लिए बदनाम सात जिलों में बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय...

बाल मजदूरों को शिक्षित करने के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की योजना
एजेंसीSun, 26 Jul 2009 02:45 PM
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बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग ने राज्य में बाल मजदूरी प्रथा की बहुलता एवं बच्चों की तस्करी के लिए बदनाम सात जिलों में बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय खोलने का सुझाव दिया है।

आयोग के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद ने आज यहां बताया कि बाल मजदूरी की बहुलता एवं तस्करी के लिए बदनाम राज्य के कटिहार,पूर्णिया, सीतामढी, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा और सुपौल में आवासीय विद्यालय खोलना काफी महत्वपूर्ण होगा। आर्थिक रूप से इनके परिवारों को मजबूत करने के लिए बच्चों के परिजनों को प्रति माह एक हजार रूपए की राशि देने का सुझाव है।

प्रसाद ने कहा कि वैसे तो पूरे राज्य में राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना के तहत बाल मजदूरों को पुनर्वासित करने के लिए 24 जिलों में कुल 699 विद्यालय चलाए जा रहे हैं लेकिन इनमें से कई विद्यालय कथित रूप से अनियमितताओं एवं घोटाले के शिकार बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों के कार्यकलाप के बारे में आयोग शीघ्र जांच कराकर सरकार को अपना प्रतिवेदन देगी। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक राज्य में ग्यारह लाख बाल मजदूर कार्यरत है। जबकि करीब पांच लाख बाल मजदूर देश के अन्य राज्यों में कार्यरत हैं।

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