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आठ दिनी चैत्र नवरात्र 27 से रांची।

मार्च शुक्रवार से वासंतिक नवरात्र प्रारंभ होकर चार अप्रैल शनिवार तक रहेगी। इस बार नवरात्र आठ दिनों का है। 27 मार्च को चैत शुल्क पक्ष प्रतिपदा रात्रि 8:35 बजे तक है। इस दिन नवरात्र कलश स्थापन,...

 आठ दिनी चैत्र नवरात्र 27 से रांची।
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मार्च शुक्रवार से वासंतिक नवरात्र प्रारंभ होकर चार अप्रैल शनिवार तक रहेगी। इस बार नवरात्र आठ दिनों का है। 27 मार्च को चैत शुल्क पक्ष प्रतिपदा रात्रि 8:35 बजे तक है। इस दिन नवरात्र कलश स्थापन, ध्वजारोपण, वर्षपति शुक्र का पूजन होगा। पूजन में शुभकृत संवत्सर 2066 नाम से संकल्प होगा। 2मार्च को सरहुल और गणगौर व्रत है। 30 मार्च को रामराज महोत्सव और छठ व्रत का नहाय खाय होगा। एक अप्रैल को शाम सूर्यषष्ठी (छठ) व्रत है। इस दिन दोपहर 12.0बजे के बाद सप्तमी प्रारंभ होगी। सूर्यास्त शाम 6:02 बजे होगा। इस बेला में अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दी जायेगी। यह शुभ संयोग है कि अघ्र्य काल के समय सर्वार्थसिद्धि योग है। लाभ प्राप्ति के लिए छठ का व्रत, अघ्र्य इस बार सवर्रेथ सिद्धि योग के कारण महत्वपूर्ण है। गुरुवार दो अप्रैल को सप्तमी :46 प्रात: तक है, जबकि अष्टमी शुक्रवार तीन अप्रैल को प्रात: 7:48 बजे तक है। इसके बाद नवमी तिथि है। शनिवार प्रात: 4:58 से रात्रि 2:41 बजे तक दशमी तिथि है। इस तरह गुरुवार की रात्रि में महानिशा पूजा अष्टमीव्यापी है। संधिपूजा शुक्रवार को 7.45 बजे सुबह होगी। इसके बाद नवमी पूजन और कर्क लग्न दोपहर 12:08 बजे से 2:25 बजे के बीच श्रीरामजन्म महोत्सव महानवमी का व्रत होगा। शनिवार को नवरात्र व्रत का पारण होगा।ड्ढr नवरात्र में क्या करंड्ढr नवरात्र में एक, तीन, नौ आवृत्ति दुर्गासप्तशती का पाठ करं या योग्य ब्राह्मण से करावें। रामरक्षा स्रेत, सुंदरकांड, बजरंग बाण आदि का नित्य पाठ करं। इसके पश्चात नवमी तिथि में हवन करं। इस काल में अपने इच्छानुसार मंत्र का जप कर सिद्धि प्राप्त करं। घर परिवार में किसी प्रकार का भय और बाधा हो तो महाविद्या, बटुक भैरव के स्रेत का पठा करं। विद्यार्थी, परीक्षार्थी, सरस्वती मंत्र का जप करं और कुशाग्र बनें। मर्यादा और बुद्धिकाल की प्राप्ति के लिए नवमी को श्रीराम दरवार की पूजा-अर्चना करं।ड्ढr हनुमत साधना : इस नवरात्र में हनुमत स्रेत, कवच, चालीसा का 108 बार जप करं और हनुमानजी को रोट, चमेली तेल और पीला सिंदूर चढ़ावें।ड्ढr सूर्य साधना : सूर्यषष्ठी का व्रत करं। आदित्य हृदय, सूर्य चालीसा, सूर्यमंत्र का जप करं, सूर्याध्य दें।ड्ढr शक्ितसाधना : संपूर्ण नवरात्र दुर्गाजी की आराधना सप्तशती पाठ, नर्वाण मंत्र जप आादि करं।ड्ढr गणेश साधना : 30 अप्रैल सोमवार को गणेशर्थशीर्ष स्रेत, मंगादि का जप करं विघ्न बाधा को दूर करं।ड्ढr पं. रामदेव पांडेयं

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