ओलम्पिक विजेताओं को भी मिले खेल रत्न
खेल रत्न पुरस्कार के लिए चार बार की वर्ल्ड चैम्पियन महिला मुक्केबाज एमसी मेरीकाम की प्रबल दावेदारी के बीच बीजिंग ओलम्पिक के पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और मुक्केबाज विजेन्द्र कुमार का मानना है कि...
खेल रत्न पुरस्कार के लिए चार बार की वर्ल्ड चैम्पियन महिला मुक्केबाज एमसी मेरीकाम की प्रबल दावेदारी के बीच बीजिंग ओलम्पिक के पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और मुक्केबाज विजेन्द्र कुमार का मानना है कि खेलों का यह सर्वोच्च पुरस्कार किसी एक को नहीं बल्कि संयुक्त रूप से तीनों खिलाड़ियों को ही दिया जाना चाहिए।
खेल रत्न को लेकर सरकार के सामने शायद इतनी दुविधा पहले कभी नहीं हुई होगी क्योंकि खेल पुरस्कारों की चयन समिति ने मेरीकाम को यह पुरस्कार देने की सिफारिश करने के साथ विशेष परिस्थितियों के कारण ओलम्पिक पदक विजेता सुशील और विजेन्दर को भी यह पुरस्कार दिया जाए। खेल मंत्रालय को अब अंतिम फैसला करना है।
56 सालों के बाद देश के लिए कुश्ती में पदक जीतने वाले सुशील कुमार ने बताया कि पदक विजेताओं को खेल रत्न नहीं दिया जाना गलत होगा यह ओलम्पिक पदक जीतने वालों का अपमान माना जाएगा। वर्ल्ड चैम्यिनशिप के लिए सोनीपत कुश्ती केंद्र में तैयारी कर रहे महाबली सतपाल के शिष्य सुशील ने कहा कि वर्ष 2008 के लिए यह पुरस्कार दिया जाना है और इसी वर्ष हमने ओलम्पिक खेलों में पदक जीता है इसलिए यह पुरस्कार दिया जाना जायज है। तीनों को ही अगर यह पुरस्कार दिया जाता है तो इससे अच्छा संकेत जाएगा।
खेल रत्न के लिए पिछले साल भी विवाद हुआ था जब मुक्केबाज मेरीकाम को यह पुरस्कार नहीं देकर क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंहधोनी को दे दिया गया था। तब खेल मंत्री एमएस गिल ने उसे आश्वासन दिया था कि अब उसकी अनदेखी नहीं की जाएगी। मीडिया में आई रिपोर्ट ने अनुसार मेरीकाम ने कहा है कि संयुक्त रूप से खेल रत्न दिए जाने से वह प्रसन्न नही है।
ओलम्पिक पदक विजेता विजेंदर ने कहा कि मेरीकाम को खेल रत्न दिए जाने से मुझे कोई परेशानी नहीं है। उनका भी अच्छा योगदानहै लेकिन ओलम्पिक पदक जीतने वालों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यह पुरस्कार तीनों को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक में पदक जीतने वाले भी अगर पुरस्कारों के लिए तरसते रहेंगे तो फिर खिलाड़ी इतनी मेहनत ही क्यों करेगा।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए तैयारी कर रहे विजेंदर ने पटियाला से फोन पर कहा कि मैं मेरीकाम को खेल रत्न दिए जाने का विरोधी नहीं हूं प्रत्येक खिलाड़ी का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन ओलम्पिक पदक जीतना भी अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।