एंटी रैगिंग एफिडेविट बनवाने को पेरेंट्स रहे परेशान
आईआईटी रुड़की में रजिस्ट्रेशन के लिए अभिभावकों को एंटी रैगिंग शपथपत्र बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यूजीसी की हाल ही जारी रूलिंग के अनुसार दस रुपए के स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा...
आईआईटी रुड़की में रजिस्ट्रेशन के लिए अभिभावकों को एंटी रैगिंग शपथपत्र बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यूजीसी की हाल ही जारी रूलिंग के अनुसार दस रुपए के स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र ही उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मान्य होगा। इसी के तहत नए सिरे से एंटी रैगिंग शपथपत्र बनवाने की व्यवस्था संस्थान परिसर में ही कर दी गयी। बावजूद इसके अभिभावक शपथपत्र बनवाने के लिए परेशान दिखे।अभिभावकों ने इस संबंध में व्यवस्था दुरुस्त न होने की शिकायत की।
आईआईटी परिसर में दीक्षांत भवन के सामने स्थित स्टेप कार्यालय में एंटी रैगिंग शपथपत्र बनवाने की व्यवस्था संस्थान द्वारा की गयी है। जहां नोटरी सहित वकीलों की व्यवस्था भी की गयी थी। शपथपत्र दिए बगैर रजिस्ट्रेशन नहीं होने का नियम है, इसलिए अभिभावक इस बात के लिए प्रयासरत रहे कि एंटी रैगिंग शपथपत्र हर हाल में बन जाए। स्टेप कार्यालय में अभिभावकों की लंबी लाइनें शपथपत्र बनवाने के लिए लगी रही। अभिभावकों की शिकायतें रही कि इस एफिडेविट को जमा करने के संबंध में सटीक सूचना नहीं दी जा रही है। अभिभावकों का कहना था कि एफिडेविट बनने के बाद उसे एक दूसरे काउंटर में जमा करना था, जहां से इसकी प्राप्ति रसीद दी जाने थी। लेकिन काउंटर संचालकों ने रसीदें शपथपत्र जमा करते वक्त न देकर शाम 5 बजे देने की बात कही। नतीजतन शाम तक अभिभावक शपथपत्र हासिल करने के लिए परेशान दिखे और स्टेप कार्यालय में अभिभावकों की भारी भीड़ जुटी रही। जब शाम को भी उन्हें रसीद नहीं मिली तो अभिभावकों ने इसे लेकर गहरा आक्रोश जताया। हालांकि बाद में डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर एनके गोयल ने यह व्यवस्था दी कि रसीद अभिभावकों को न देकर सीधे डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर ऑफिस पहुंचा दी जाएगी। इससे अवगत होने के बाद ही अभिभावकों ने राहत की सांस ली।
नए एफिडेविट के बिना ही मिले प्रवेश
रुड़की। डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर एनके गोयल ने बताया कि नए शपथपत्र जमा कराए बगैर ही पुराने एफिडेविट के आधार पर स्टूडेंट्स को प्रवेश दिए गए हैं। नए एफिडेविट जमा कराने के लिए छात्रों को तीन दिन का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि एफिडेविट की रसीद संबंधित विभाग से मिलते ही एफिडेविट जमा किया मान लिया जाएगा।