पंजाब और हरियाणा में बासमती फसल का क्षेत्रफल बढ़ेगा
उत्तर पश्चिम में कम बरसात के कारण धान की बुवाई प्रभावित होने की चिंताओं के बीच खरीफ सत्र के दौरान पंजाब और हरियाणा में बासमती फसल के क्षेत्रफल में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है जहां फसल में...
उत्तर पश्चिम में कम बरसात के कारण धान की बुवाई प्रभावित होने की चिंताओं के बीच खरीफ सत्र के दौरान पंजाब और हरियाणा में बासमती फसल के क्षेत्रफल में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है जहां फसल में पूसा 1121 किस्म की अधिकांश भागीदारी होगी।
केन्द्रीय पूल में 34 प्रतिशत चावल का योगदान करने वाले पंजब को धान की बासमती किस्म के क्षेत्रफल में पिछले बुवाई सत्र के 3.5 लाख हेक्टेयर के मुकाबले चालू खरीफ सत्र में 5.5 लाख हेक्टेयर हो जाने की उम्मीद है।
पंजाब कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक गुरदयाल सिंह ने यहां बताया कि हमें लगता है कि बासमती किस्म का क्षेत्रफल बढ़कर 5.5 लाख हेक्टेयर हो जयेगा क्योंकि कम बरसात के कारण धान उत्पादक सामान्य किस्मों की तुलना में बासमती किस्म की ओर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।
इसी प्रकार से हरियाणा में भी बासमती फसल का क्षेत्रफल बढ़कर छह लाख हेक्टेयर होने का अनुमान लगाया है जो धान फसल के कुल क्षेत्रफल का 55 प्रतिशत होगा। पिछले वर्ष बासमती फसल का क्षेत्रफल पांच लाख हेक्टेयर के लगभग था और इस वर्ष यह कम से कम छह लाख हेक्टेयर होना चाहिये।