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घाघरा नदी के दोनों तट पर 110 करोड़ की 25 परियोजनाएँ स्वीकृत

जब जगे तभी सबेरा की कहावत चरितार्थ करते हुए भारत सरकार ने बाढ़ की विभीषिका से होने वाली तबाही को रोकने की पहल की है। इसके तहत केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार घाघरा नदी के दाएँ एवं...

घाघरा नदी के दोनों तट पर 110 करोड़ की 25 परियोजनाएँ स्वीकृत
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 16 Jul 2009 08:51 PM
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जब जगे तभी सबेरा की कहावत चरितार्थ करते हुए भारत सरकार ने बाढ़ की विभीषिका से होने वाली तबाही को रोकने की पहल की है। इसके तहत केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार घाघरा नदी के दाएँ एवं बाएँ तट पर स्थित आधा दजर्न जनपदों के एक दजर्न से अधिक तटबंधों के उच्चीकरण की संयुक्त परियोजना तैयार कराई गई है।

लगभग एक सौ दस करोड़ की प्रस्तावित परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग की तकनीकी सलाहकार समिति ने हरी झण्डी दे दी है। इसमें फैजबाद जिले के बिल्वहरिघाट व रौनाही तटबंध के अलावा नवनिर्मित हरिश्चन्द्रघाट से उदयाघाट के बीच कच्चे तटबंध के सुदृढ़ीकरण कार्य को भी शामिल किया गया है।

सिंचाई विभाग की ओर से प्रस्तावित संयुक्त परियोजना में फैजबाद के अलावा बहराइच, बाराबंकी, गोण्डा, अम्बेडकरनगर, बस्ती एवं मऊ जनपद के 15 तटबंधों से जुड़ी 25 परियोजनाओं से सम्बन्धित निर्माण कार्यो को शामिल किया गया है। सिंचाई विभाग ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया है कि नेपाल की पहाड़ियों से निकलकर घाघरा नदी लखीमपुर, बहराइच, सीतापुर, गोण्डा, बस्ती, फैजबाद, अम्बेडकरनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ व मऊ में प्रवाहित होते हुए बलिया में गंगा नदी में मिलती है।

भारी वर्षा और पहाड़ की ऊँचाइयों से नदी की तीव्रता के कारण बाढ़ के समय में भारी जन-धन की हानि प्रतिवर्ष होती है। विभाग की रिपोर्ट में बाढ़ में होने वाले नुकसान का आंकलन करते हुए बताया गया कि इससे सम्बन्धित जनपदों में 85852.40 हेक्टेयर क्षेत्रफल का भू-भाग जलप्लावित होता है।

लगभग 290.00 हेक्टेयर भूमि हर वर्ष नदी की कटान की भेंट चढ़ जती है। इतना ही नहीं बाढ़ की इस त्रासदी से 5095.38 लाख की फसलों, 1302.00 लाख के कच्चे मकान, 75 लाख की झोपड़ियाँ तथा 463.50 के पक्के मकान भी नदी की धारा में समाहित होते हैं।नुकसान की कुल कीमत 22395.88 लाख अथवा 223.95 करोड़ आँकी गई है।

राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिशों के अनुरूप तैयार प्रस्तावित परियोजना पर कार्य बाढ़ 2009 के पूर्व हो शुरू होना था लेकिन धनाभाव के चलते कार्य नहीं हो सका। बताते चलें कि केन्द्रीय सहायता से प्रस्तावित परियोजनाओं की 75 प्रतिशत राशि केन्द्र एवं 25 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। इस बीच बाढ़ के खतरों को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने हिस्से की 25 प्रतिशत धनराशि परियोजनाओं पर निर्माण कार्य करने के लिए आवंटित कर दी है।

एकादशम् मण्डल निर्माण इकाई के अधीक्षण अभियंता सत्य कुमार मार्कण्डेय ने इस परियोजना के स्वीकृति की पुष्टि करते हुए बताया कि योजना से सम्बन्धित स्टेट फण्ड आवंटित किया ज चुका है। इस फण्ड से सम्बन्धित निर्माण कार्य शुरू करा दिए गए हैं।

 

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