बैंक से सौदेबाजी
अकसर लोग बैंक को कई ब्याज और ऐसी फीस अदा करते हैं, जिन पर यदि ध्यान दिया जाए, तो उन्हें टाला जा सकता है। ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है। - बैंक में सेविंग अकाउंट खोलते समय इसकी...
अकसर लोग बैंक को कई ब्याज और ऐसी फीस अदा करते हैं, जिन पर यदि ध्यान दिया जाए, तो उन्हें टाला जा सकता है। ऐसे में कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है।
- बैंक में सेविंग अकाउंट खोलते समय इसकी पूरी तफ्तीश कर लें कि बैंक के कायदे-कानून क्या हैं? साथ ही बैंक किन कार्यो के लिए कितना शुल्क लेता है, इसकी पूरी जानकारी करनी भी जरूरी है।
- कई बैंक एक स्पेसिफिक लिमिट से कम पैसा होने पर पैसा लगाते हैं। ऐसे में अकाउंट खोलते वक्त इस बारे में पता करना आवश्यक है।
- अगर आपको डुप्लीकेट स्टेटमेंट चाहिए, तो इसके लिए बैंक की ब्रांच से ये स्टेटमेंट मांगने के बजाए आप कस्टमर केयर (आईवीआर), एटीएम और इंटरनेट बैंकिग का इस्तेमाल करें। ब्रांच से डुप्लीकेट स्टेटमेंट लेने के बजाए इन साधनों का प्रयोग करने पर आप पैसे की बचत कर पाएंगे।
- जहां तक संभव हो, अपने बिल इंटरनेट या फोन बैंकिंग द्वारा अदा करें। इससे आपके पैसे की बचत होगी।
- आप चाहें तो स्वीपर अकाउंट खोल सकते हैं। इन अकाउंट में एक सीमा से अधिक पैसा होने पर वह फिक्स्ड डिपॉजिट में चला जाएगा।
- होम और कार लोन लेने से पहले इसका पूरी तरह आकलन कर लें कि आपकी डील सही हैं या नहीं। बाजार में फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों ही दरों पर लोन उपलब्ध है।
- होम लोन को किसी परिसंपत्ति के एवज में लेना, फ्लोटिंग रेट में लेने के बजाए ज्यादा बेहतर है।
- ब्याज दर के अलावा लोन लेने के लिए बैंक चुनते समय प्रोसेसिंग फीस, लीगल फीस, स्टांप डच्यूटी शुल्क, प्री-पेमेंट चार्ज के बारे में पूरी जांच कर लें।