कुछ अंचलों को सूखाग्रस्त घोषित करेगी उप्र सरकार: नायर
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह प्रदेश में वर्षा की कमी से खेती किसानी के लिए आसन्न सूखे की स्थिति पर नजर रखे हुए है और 31 जुलाई तक स्थिति का आंकलन करने के बाद यदि जरुरी हुआ तो कुछ अंचलो को...
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह प्रदेश में वर्षा की कमी से खेती किसानी के लिए आसन्न सूखे की स्थिति पर नजर रखे हुए है और 31 जुलाई तक स्थिति का आंकलन करने के बाद यदि जरुरी हुआ तो कुछ अंचलो को सूखाग्रस्त घोषित किया जायेगा।
उप्र के प्रमुख सचिव राजस्व गोविन्दन नायर ने मंगलवार को प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में राज्य में कम वर्षा से उत्पन्न स्थिति पर समीक्षा बैठक में बताया है कि 31 जुलाई तक बुआई एवं क्षतिग्रस्त फसल का आंकलन करने के बाद प्रदेश को पूर्णत: अथवा अंशत: सूखाग्रस्त घोषित करने पर विचार किया जायेगा।
गुप्ता ने प्रदेश में संभावित सूखे की स्थिति का आंकलन करते हुए बताया कि प्रदेश के 37 जनपदो में सामान्य से 40 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। जिनमें कानपुर देहात , इटावा , बाराबंकी , आगरा , जलौन , सीतापुर , मुजफ्फरनगर , क्षांसी , अलीगढ , बिजनौर , गाजीपुर , फतेहपुर , मिज्रपुर , बुलंदशहर , औरैया , सुल्तानपुर , सिद्धार्थनगर , ज्योतिबाफुले नगर , मैनपुरी , देवरिया , उन्नाव , बलिया , फर्एखाबाद , बस्ती , मउ , कुशीनगर , हरदोई , एटा , जौनपुर , बलरामपुर , मथुरा , रायबरेली , पीलीभीत , अम्बेडकरनगर , सहारनपुर , गाजियाबाद व रामपुर शामिल है।गुप्ता ने यह सुझाव दिया कि कम बारिश की स्थिति को देखते हुए किसानों को कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों के बीज 25 जुलाई तक उपलब्ध करा दिये जाये और प्रदेश में बुआई की स्थिति की तत्काल शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये।
उन्होने जिलाधिकारियो , खाद्य व मंडी के वरिष्ठ अधिकारियो को कम वर्षा के कारण आवश्यक खाद्य वस्तुओं विशेषकर दाल , आलू व हरी सब्जियों के दामो मे बढोत्तरी की स्थिति पर नियत्रंण रखने के निर्देश भी दिये है।