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गुलबदन का स्वयंवर

गुलबदन ने इश्क के बाग में वो-वो गुल खिलाए थे कि उसका असल का नाम कब का गुम चुका था। पब्लिक उसे गुलबदन के नाम से जानती थी। गुलबदन अपने गांव-जवार की सेलेब्रिटी थी। वह सिक्सटीन टू सिक्सटी एज की रेंज में...

गुलबदन का स्वयंवर
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 10 Jul 2009 08:55 PM
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गुलबदन ने इश्क के बाग में वो-वो गुल खिलाए थे कि उसका असल का नाम कब का गुम चुका था। पब्लिक उसे गुलबदन के नाम से जानती थी। गुलबदन अपने गांव-जवार की सेलेब्रिटी थी। वह सिक्सटीन टू सिक्सटी एज की रेंज में बरोबर भाव से लोकप्रिय थी। गुलबदन की चर्चा के सीडी-कैसेट्स हर चौराहे पर बजते मिलते। और तो और, जिला पंचायत उसके दीवानों की जनगणना के लिए एक अलग महकमा खोलने की सोच रही थी।

एक रोज गुलबदन के निष्कलुश हृदय में यह सद्विचार जागा कि उसे अब अपना पाक दामन किसी एक के हवाले कर ही देना चाहिए। पाक दामन इसलिए क्योंकि गुलबदन को कभी भी अपने दामन में कोई दाग नजर नहीं आया। दाग तो तब लगते, जब वह दामनदार कपड़े पहनती! उसने अपने आप को इन आंचल-पल्लू वाले चोचलों से सदा दूर ही रखा। गुलबदन की शादी का यही पीक टाइम था। इस समय वह वैवाहिक योग्यता की कुल ऊंचाइयों पर थी। इससे लेट करना खतरनाक हो सकता था। इन ऊंचाइयों के तत्काल बाद उन्नत उमर की ढलान नजर आने के अंदेशे थे। तो गुलबदन ने ऐलान कर दिया। वह विवाह-सूत्र में बंधना चाहती है। उसे एक ऐसे वर की तलाश है, जो कैसा भी सुयोग्य हो, चलेगा। गुलबदन अपने इलाके की सेलेब्रिटी थी, इस नाते दूल्हे तो खैर जब आते, तब आते, वर से पहले मीडिया वाले आ धमके। कैमरों के फ्लैश चमकने लग गए। माइक्रोफोन मंगलाचार गाने लगे। चैनल्स चावल छिड़कने लग पड़े: ‘कब विवाह करने जा रही हैं आप? क्या सचमुच कर रही हैं? किससे कर रही हैं? कहां करेंगी? क्या कर ही लेंगी क्या?’गुलबदन अपनी सर्वसुलभ लज्जा को खोलती हुई बोली- ‘आप लोग तो जानते ही हैं, मैंने आज तक ऑफ द कैमरा कुछ नहीं किया। आगे से भी जो होगा, कैमरे के सामने ही होगा। अब मेरे लिए लाइफ पार्टनर भी आप लोग ही ढूंढिए, और घरातियों का इंतजाम भी आप सब ही करिए।’

यह सुनते ही मीडिया मैन इन एडवांस सोहर गाने लग गए। एक चैनल ने तत्काल कांट्रेक्ट पेपर्स सामने धर दिए। निवेदन किया: गुलबदन जी, लीजिए, यह पकड़िए अपना नेग। अबसे हम आपकी मैरिज का टोटल इवेंट मैनेज करेंगे। आज से आप हमारी जिम्मेदारी हो गईं। हम आपकी शादी के शो को रीयल बनाएंगे। आपके लिए पंडित, नाई, बहन, भाई, भौजाई की तलाश करेंगे। लड़का भी अरेंज करेंगे। हमको टीआरपी मिलेगी तो आपको भी एक टीआरपी (टोटली रिलायबिल पति) हासिल कराएंगे। गुलबदन ने झपटकर पेशगी की नकद राशि थाम ली। पेपर्स साइन करती हुई बोली- ‘आप चाहें तो मुझसे विवाहोपरांत कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण का एग्रीमेंट भी अभी से कर सकते हैं।’

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