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उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 232 पद खाली

देश भर की अदालतों में जहां एक तरफ 40 लाख प्रकरण बकाया हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 232पद खाली हैं। जून, 2009 तक के अनुमान के मुताबिक देश के 21 उच्च न्यायालयों में...

उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 232 पद खाली
एजेंसीSun, 05 Jul 2009 01:33 PM
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देश भर की अदालतों में जहां एक तरफ 40 लाख प्रकरण बकाया हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 232पद खाली हैं।

जून, 2009 तक के अनुमान के मुताबिक देश के 21 उच्च न्यायालयों में कुल 886 न्यायाधीशों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वास्तविक रूप में इनमें 654 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में, जिसमें देश में सबसे ज्यादा स्वीकृत पद 160 हैं, 72 पद खाली हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में 42 न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है। विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश बार और न्यायिक सेवाओं के शेष 190 पदों को भरने का प्रस्ताव देने वाले हैं।

दिसंबर, 2008 के अनुमान के अनुसार विभिन्न उच्च न्यायालयों में लगभग 39,14,669 प्रकरण बकाया हैं। वर्तमान में देश में न्यायाधीशों की संख्या प्रति एक लाख जनसंख्या पर 14 है। इस संख्या की हर तीन साल बाद समीक्षा की जती है और हालिया समीक्षा 2006 में हुई थी। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 49 पद स्वीकत हैं, जहां 30 न्यायाधीश कार्यरत हैं, वहीं बंबई उच्च न्यायालय में 66 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जो स्वीकत पदों से नौ कम हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय में 17 न्यायाधीशों की कमी है।

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