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खेल-खेल में खराब न हो जाए सेहत

आप कहेंगे खेलने से तो सेहत बनती है, इसमें खराब होने वाली बात कहां से आ गई? तो आप को पहले यह बता दें कि हम खेल-कूद की बात नहीं कर रहे, यहां मुद्दा है युवाओं में कम्प्यूटर और वीडियो गेमिंग की बढती लत...

खेल-खेल में खराब न हो जाए सेहत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 05 Jul 2009 12:26 PM
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आप कहेंगे खेलने से तो सेहत बनती है, इसमें खराब होने वाली बात कहां से आ गई? तो आप को पहले यह बता दें कि हम खेल-कूद की बात नहीं कर रहे, यहां मुद्दा है युवाओं में कम्प्यूटर और वीडियो गेमिंग की बढती लत का।
वैसे, मां-बाप की तो हमेशा से शिकायत रही है कि शुरुआती शौक से बढते-बढते वीडियो गेम्स ने बच्चों को इसकी ‘लत’ ही लगा दी। अब एक नए शोध ने घरवालों की इस शिकायत को एक पुख्ता आधार भी दे दिया है। इससे जुडी एक तथ्यपूर्ण रिपोर्ट साइंस डेली में हाल ही में प्रकाशित हुई है।

अमेरिका की आयोवा स्टेट यूनीवर्सिटी में साइकोलॉजी के प्रोफेसर डगलस जेनटाइल ने 8-18 आयुवर्ग के बच्चों और युवाओं के बीच हुए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर पहली बार यह पुष्टि की है कि वीडियो गेमिंग में डूबे रहने वाले बच्चों में इस लत से जुडम अलग तरह का पैथोलॉजिकल पैटर्न देखने में आया है। गेमिंग कंसोल लेकर खुद ही से बतियाते और नए प्ले-स्टेशन की जिद पर अड़े भारतीय किशोरों की जमात भी पश्चिम से कुछ ज्यादा अलग नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि इस लत को काबू में रखने की कोशिश की जाए। दरअसल इस छोटे से खेल की लत से जुडे ‘खतरे’ काफी बडे है क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अरुणा मिश्रा कहती हैं, ‘लत कैसी भी हो, शरीर के लिए अंतत: बुरी साबित होती है।’ डॉ. हरीश उप्रेती वीडियो गेमिंग से जुड़े खतरे को खाने-पीने, सोने-जागने के समय में बदलाव से जोड़कर देखते हैं।

उनके अनुसार अपनी बॉडी क्लॉक की परवाह किए बिना जीना आगे चलकर बच्चों के विकास को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। डॉ. मिश्रा मानती हैं कि लगातार स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रहने का रोमांच चाहे जितना गहरा हो इसकी परिणति थकान, अनिद्रा, चिड़िचड़ेपन, बदहजमी और मोटापे को जन्म देती है। एक ही गेम लगातार खेलने से आप भले एक के बाद एक राउंड तेजी से पार करते जाएं लेकिन कुल मिलाकर यह खेल आपकी बॉडी पर काफी स्ट्रैस डालता है। डॉक्टरों का मानना है कि लगातार कई-कई दिन तक दिनचर्या में भारी उलटफेर और समय पर नहीं सोने से हार्मोस असंतुलित हो सकते हैं और भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जाहिर है, पढमई और करियर बनाने की दहलीज पर खड़ी युवा पीढ़ी को खेल की लत से जुड़े खतरों को समझना होगा। सो, अगर एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने के बाद समर वैकेशन में आपका लाड़ला खेल में डूबा रहता है तो उसका ध्यान वीडियो गेम से हटाएं और उसके लिए किसी समर कैम्प का प्रोग्राम बनाएं।

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