टी 20 बुरी आदत की तरह है: मियादाद
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी जावेद मियादाद का मानना है कि टवेंटी 20 फास्ट फूड की तरह है जो कि बुरी आदत है और यह उप महाद्वीप में टेस्ट क्रिकेट के लिये सबसे बड़ा खतरा है। मियादाद ने अंतरराष्ट्रीय...
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी जावेद मियादाद का मानना है कि टवेंटी 20 फास्ट फूड की तरह है जो कि बुरी आदत है और यह उप महाद्वीप में टेस्ट क्रिकेट के लिये सबसे बड़ा खतरा है।
मियादाद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पांच के बजाय चार दिन के टेस्ट मैच तथा दूधिया रोशनी में रंगीन गेंद का इस्तेमाल करने के सुझावों पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि इसमें संदेह नहीं कि टवेंटी 20 क्रिकेट ने टेस्ट क्रिकेट को पीछे छोड़ दिया है और इसके कई कारण है। भारत का ही उदाहरण लीजिये। यूसुफ पठान जैसा खिलाड़ी अपने कई दिग्गज साथियों से अधिक लोकप्रिय है क्योंकि यह टवेंटी 20 जमाना है। यह फास्ट फूड की तरह है जो बुरी आदत है।
मियादाद का हालांकि मानना है कि इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में टेस्ट मैचों को कोई खतरा नहीं है क्योंकि वहां यह अब भी लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में इसको खतरा है। इसका एक कारण लोगों की आर्थिक स्थिति भी है।
आईसीसी अध्यक्ष डेविड मोर्गन ने टेस्ट मैचों में दिनों की संख्या चार करने का सुझाव दिया है लेकिन मियादाद ने इस खेल के पारंपरिक प्रारूप में बदलाव के प्रति आईसीसी को चेताया। उन्होंने कहा कि टेस्ट मैचों में दिनों की संख्या कम करने या रात्रि मैच और रंगीन गेंद शुरू करने की कोशिश का उलटा असर होगा।
पूर्व टेस्ट कप्तान ने कहा कि खेल की भावना को चुनौती देने वाले उपाय अपनाने के बजाय आईसीसी को ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे सभी प्रारूप एक साथ बने रहें। उन्होंने कहा कि आईसीसी को टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी बनाये रखने के उपाय ढूंढने के लिये अधिक से अधिक पूर्व खिलाड़ियों से सलाह लेनी चाहिए।