जाना है इंटरनेशनल गेम खेलने, मगर पैसे कहां
बेटी काफी प्रतिभाशाली है। कम उम्र में ही खेल की दुनिया में इतना नाम काम कमाया कि घर वाले फूले नहीं समा रहे। घर मेडल से भरा पड़ा है। अगस्त में इंटरनेशनल सितो रियो कराटे का वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए...
बेटी काफी प्रतिभाशाली है। कम उम्र में ही खेल की दुनिया में इतना नाम काम कमाया कि घर वाले फूले नहीं समा रहे। घर मेडल से भरा पड़ा है। अगस्त में इंटरनेशनल सितो रियो कराटे का वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए यूपी से चयनित होने वाली एकमात्र खिलाड़ी है वह, लेकिन परचून की दुकान चलाने वाले रमेश बरनवाल परेशान हैं। रमेश बरनवाल को यह समझ नहीं आ रहा है कि बेटी को वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने के लिए बीजिंग का खर्च कहां से लाएंगे।
निठारी निवासी संगीता बरनवाल को इसके लिए न तो सरकार की तरफ से कुछ मदद मिल रही है और न ही कोई प्रायोजक सामने आ रहा है। इस कारण घरवाले परेशान हैं कि इस प्रतिभाशाली बेटी को किस तरह बीजिंग भेज जाए। बरनवाल परिवार के पास इतना साधन नहीं है कि अपनी इस होनहार बेटी के लिए कुछ कर सके। वहीं, हमेशा साथ देने का वादा करने वाले सितोरियो डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन भी चुप्पी साधे हुए है। संगीता के पिता रमेश चंद्र बरनवाल ने बताया कि हमलोगों ने खेल विभाग को मदद करने के लिए पत्र भेजा है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया।
इसके साथ ही कई कंपनियों से भी सहयोग करने की अपील की। वहां से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया। एक दर्जन से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी संगीता सरकार व प्रायोजकों के इस बेरुखी से काफी नाराज हैं। संगीता के कोच कमल थापा का कहना है कि इसके लिए ऑल इंडिया सितोरियो डू कराटे एसोसिएशन से बात चल रही है। इसके बाद संगीता के बीजिंग जाने का रास्ता साफ हो पाने की उम्मीद है, लेकिन सरकार व प्रायोजकों का यह रुख खिलाड़ी की प्रतिभा के खिलाफ है।