सुखोई की तैनाती से चीन हरकत में
पूर्वोत्तर में वायुसेना की मौजूदगी बढ़ाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तेजपुर वायुसेना अड्डे को बहुउद्देश्यीय एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों से लैस किया जा रहा है। वायुसेना ने यहां पहला सुखोई...
पूर्वोत्तर में वायुसेना की मौजूदगी बढ़ाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए तेजपुर वायुसेना अड्डे को बहुउद्देश्यीय एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों से लैस किया जा रहा है। वायुसेना ने यहां पहला सुखोई स्क्वाड्रन गठित करने के क्रम में सोमवार को चार एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान तैनात किए।
बेशक वायुसेना इस महत्वपूर्ण कदम को चीन से खतरे के मद्देनजर उठाया गया कदम न बताते हुए इसे अपनी तैयारियों को मजबूत करने की प्रक्रिया बताती है लेकिन जानकारों का कहना है कि तेजपुर में सुखोई विमानों की तैनाती चीन की ओर से आने वाले किसी भी खतरे से निपटने का पुख्ता इंतजम है।
स्मरण रहे कि ‘हिन्दुस्तान’ ने सबसे पहले अप्रैल 2007 में खबर दी थी कि वायुसेना तेजपुर में सुखोई विमान तैनात करने जा रही है। इन दो वर्षो में रनवे का विस्तार सहित हैंगरों के निर्माण व नियंत्रण केन्द्र स्थापित किए गए। भविष्य में सुखोई विमानों में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल लगाने की भी योजना है। इससे इन विमानों की घातक शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी।
वायुसेना के प्रवक्ता ने यहां बताया कि तेजपुर में सुखोई विमानों को औपचारिक रूप से तैनात कर दिया गया है। इस मौके पर समारोह में पूर्वी वायुसेना कमान के प्रमुख एयर मार्शल एस.के.भान, तेजपुर वायुसेना स्टेशन के एयर ऑफिसर कमांडिंग टी.के.नायर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस समय वायुसेना के पास लगभग 100 सुखोई विमान हैं जिनमें से आधे रूस से खरीदे गए और बाकी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल्स लि. ने नासिक में बनाए हैं। भारत में कुल 180 सुखोई विमान बनाए जाएंगे। भारत में इन सभी विमानों का निर्माण कार्य 2013-14 तक पूरा होना है।
तब तक वायुसेना के बेड़े में कुल 229 सुखोई विमान होंगे। गत अप्रैल में एक विमान दुर्घटना में नष्ट हो गया। इस वर्ष 20 से ज्यादा विमान एचएएल द्वारा बनाए जाएंगे। वायुसेना के पास इस समय सुखोई विमानों के पांच स्क्वाड्रन हैं जिनमें से दो पुणो और दो बरेली में हैं। उधर भारत की तैयारियों पर चीन में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।