कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन की योजना, 880 बच्चों को मिलेगा मौका
शहर के बाद अब गांवों के बच्चों की बारी है। इस बार विधान सभा के गलियारों में गांव के बच्चे घूमेंगे। वे अपने विधायकों को बहस करते देखेंगे। विधान सभा सचिवालय इस सत्र में गांव के बच्चों को कार्यवाही...
शहर के बाद अब गांवों के बच्चों की बारी है। इस बार विधान सभा के गलियारों में गांव के बच्चे घूमेंगे। वे अपने विधायकों को बहस करते देखेंगे। विधान सभा सचिवालय इस सत्र में गांव के बच्चों को कार्यवाही दिखाने की योजना बना रहा है।
26 जून से शुरू हो रहे सत्र में बच्चों को लाने की तैयारी शिक्षा विभाग के साथ समन्वय करके हो रही है। सचिवालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सत्र के 24 दिनों में से 22 दिनों की कार्यवाही गांव के बच्चे देखेंगे। पहले और आखिरी दिन की कार्यवाही वे नहीं देख पायेंगे।
प्रत्येक दिन विभिन्न स्कूलों के 40 बच्चे यहां आयेंगे और इस तरह कुल 880 बच्चों को विधान सभा आने का मौका मिलेगा।विधान सभा के पिछले बजट सत्र की कार्यवाही में पहली बार बच्चों को बुलाया गया था। लेकिन तब छोटा सत्र होने के कारण केवल पटना शहर के बच्चों को ही सदन की कार्यवाही देखने का मौका मिला था।
पटना के बच्चों का उत्साह देखकर योजना बनी कि गांवों के बच्चों को भी कार्यवाही देखने के लिए बुलाया जाना चाहिए। बच्चों को विधान सभा लाने के पहले उन्हें पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा। मसलन उन्हें बताया जाएगा कि विधानसभा में कहां बैठना है, कार्यवाही के समय बिल्कुल शोर नहीं करना है और किस तरफ से आना या जाना है।
इसके लिए बच्चों का चुनाव विद्यालय स्तर पर छोटी-मोटी प्रतियोगिता का आयोजन करके होगा। यह पूरी योजना कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन की है जो बच्चों में संसदीय व्यवस्था की ज्यादा से ज्यादा जनकारी देने का प्रयास कर रहा है।