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समाधान योजना अपनाने वाले भट्ठा मालिकों को ‘विकल्प पत्र’ के साथ 90 फीसदी टैक्स जमा करना होगा

राज्य सरकार ने ईंट-भट्ठा कारोबार पर एक मुश्त समाधान योजना का आदेश मंगलवार को जारी कर दिया। इस योजना में ईंट-भट्ठा मालिकों को एक साल का एकमुश्त टैक्स 30 जून तक जमा करना होगा। तय तारीख के बाद टैक्स जमा...

समाधान योजना अपनाने वाले भट्ठा मालिकों को ‘विकल्प पत्र’ के साथ 90 फीसदी टैक्स जमा करना होगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Jun 2009 09:16 PM
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राज्य सरकार ने ईंट-भट्ठा कारोबार पर एक मुश्त समाधान योजना का आदेश मंगलवार को जारी कर दिया। इस योजना में ईंट-भट्ठा मालिकों को एक साल का एकमुश्त टैक्स 30 जून तक जमा करना होगा। तय तारीख के बाद टैक्स जमा करने पर 15 फीसदी की दर से ब्याज वसूला जाएगा। मगर योजना लागू होने से पहले टैक्स इनवाइस के जरिए वसूली गई राशि का भट्ठा मालिकों को लाभ नहीं मिलेगा। यह राशि समाधान योजना में समायोजित नहीं की जाएगी।

वल्यू एडेड टैक्स (वैट) एक्ट में पहले ईंट-भट्ठा पर 12.5 फीसदी टैक्स लगाया गया था। विरोध के कारण इसे घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया। मगर उत्तर प्रदेश ईंट निर्माता समिति इससे संतुष्ट नहीं हुई। समिति के महामंत्री प्रमोद चौधरी और मुकेश मोदी की अगुवाई में ईँट भट्ठा मालिकों ने समाधान योजना लागू करने के लिए शासन को कई ज्ञापन भेजे और प्रदर्शन किया। कारोबर बंद करने की चेतावनी दी।

अब शासन ने ईट-भट्ठा कारोबार पर फिर से समाधान योजना लागू की है। मंगलवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि वर्ष 2008-09 के लिए समाधान योजना अपनाने वाले भट्ठा मालिकों को ‘विकल्प पत्र’ के साथ 90 फीसदी टैक्स जमा करना होगा। बची हुई 10 फीसदी राशि 30 जून तक जमा करनी होगी। समाधान राशि जमा करने की तारीख किसी भी दशा में नहीं बढ़ाई जाएगी।

निर्धारित तारीख के बाद टैक्स जमा करने पर कुल टैक्स पर 15 फीसदी की दर से एक साल का ब्याज लिया जाएगा। समाधान योजना अपनाने वाले भट्ठा मालिकों को यह प्रमाण पत्र भी देना होगा कि पूर्व के वर्षो में किये गए कारोबार का कोई भी टैक्स, जुर्माना या ब्याज बकाया नहीं है। जिन भट्ठा मालिकों पर कोई भी टैक्स बकाया है, उन्हें पहले बकाया जमा करना होगा। बकाया जमा नहीं करने पर समाधान योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। योजना लागू होने से पहले जारी टैक्स इनवाइस पर भी व्यापारी आईटीसी का दावा नहीं कर सकेंगे।

मगर, ऐसे व्यापारियों को नुकसान से बचाने के लिए टैक्स की माँग सृजित होने पर उसे माफ करने के अधिकार कर निर्धारण अधिकारी को दिया गया है। विशेष सचिव कर एवं निबंधन मोहम्मद इदरीश की ओर से जरी आदेश में यह भी कहा गया है कि जिस भट्ठे के लिए समाधान योजना का विकल्प चुना जाएगा, उससे करीब या भिन्न भट्टे पर निर्मित किसी माल की बिक्री समाधान योजना के शर्तो का उल्लंघन होगा।

इस पर कड़ी कार्रवाई की विकल्प भी कर निर्धारण अधिकारी को दिया गया है। शासन ने समाधान योजना को किसी भी समय खत्म करने का विकल्प भी बरकार रखा है। योजना खत्म होने पर बचे हुई अवधि का पूर्व में जमा टैक्स व्यापारी को वापस कर दिया जाएगा।

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