अमेरिका ने कहा इतिहास से सबक ले चीन
तियानामैन स्क्वायर घटना की बीसवीं बरसी पर अमेरिका ने कहा कि चीन को इतिहास से सबक लेने की जरूरत है, इसे छिपाने की नहीं। साथ ही अमेरिका ने चीन को अपने आर्थिक विकास की तरह मानवाधिकारों का भी...
तियानामैन स्क्वायर घटना की बीसवीं बरसी पर अमेरिका ने कहा कि चीन को इतिहास से सबक लेने की जरूरत है, इसे छिपाने की नहीं। साथ ही अमेरिका ने चीन को अपने आर्थिक विकास की तरह मानवाधिकारों का भी विकास करने को कहा।
इस मौके पर जारी एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि यह बरसी चार जून 1989 की घटनाओं के मामले में कैद में जिंदगी गुजार रहे लोगों को रिहा करने का चीनी अधिकारियों के लिए एक अवसर है। उन्होंने कहा कि चीन को प्रदर्शन में भाग लेने वालों की प्रताड़ना बंद करनी चाहिए और तियानामैन स्क्वायर पर हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए युवकों की माताओं सहित पीड़ितों के परिजनों से बातचीत करनी चाहिए।
अमेरिकी लोक मामलों के सहायक विदेश मंत्री फिलिप जे क्रोले ने कहा कि वह ऐसे चीन को देखना पसंद करेंगे जो इतिहास से सबक ले और इसे छिपाए नहीं। कुछ खबरों को देखकर उन्हें यह उल्लेखनीय लगता है कि किस प्रकार कुछ लोग इस बात से अंजान हैं कि बीस वर्ष पूर्व क्या हुआ था।
गौरतलब है कि लोकतंत्र समर्थक नेता हू याओबांग की मृत्यु के बाद चार जून 1989 को छात्रों और बुद्धिजीवियों ने तियानामैन स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन किया था। चीन ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों का क्रूरता से दमन किया था जिसमें सैंकड़ों लोगों की मत्यु हो गयी थी।