भारत-चीन का रहेगा आर्थिक दबदबा: विशेषज्ञ
अमेरिकी आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि किसी समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रतीक रही जनरल मोटर्स के पतन के बाद अमेरिकियों को यह तथ्य स्वीकार कर लेना चाहिए कि भारत और चीन जैसे देश वैश्विक अर्थव्यवस्था...
अमेरिकी आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि किसी समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रतीक रही जनरल मोटर्स के पतन के बाद अमेरिकियों को यह तथ्य स्वीकार कर लेना चाहिए कि भारत और चीन जैसे देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने को तैयार हैं।
आर्थिक विश्लेषक और सीएनएन मनी डॉट कॉम के संपादक पॉल आर ला मोनिका ने एक आलेख में लिखा है, ‘‘भले ही हम इसे स्वीकार करना नहीं चाहें, लेकिन हमें इस बात की आदत डाल लेनी चाहिए कि भारत और चीन जैसे उभरते हुए देश तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन रहे हैं।’’
उन्होंने उल्लेख किया है कि लंदन स्थित एक आर्थिक सलाहकार संस्था सेंटर फॉर इकोनामिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने इस बात का पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और शेष पश्चिमी देशों को जल्द ही पीछे छोड़ देंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका यह मतलब कतई नहीं है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था एकदम से पतन की ओर जा रही है, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों ने चीन, भारत और लातिन अमेरिकी देशों के साथ अन्य क्षेत्रीय शेयर बाजारों में भी सुधार हुआ है।
बोस्टन के एमएफएस इवेंस्टमेंट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिज्ञ जेम्स स्वानसन ने कहा कि चीन और अन्य उभरते हुए बाजारों के साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था के गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप के पास अल्कोआ, फोर्ड मोटर और एक्सॉनमोबाइल जैसी कंपनियां हैं तो आपको एल्युमिनियम कार्प ऑफ चाइना, भारत की टाटा मोटर्स और ब्राजील की पेट्रोब्रास जैसी कंपनियों पर नजर रखनी ही होगी।