कतार में खड़े होकर भोजन किया बंदरों-लंगूरों ने
शादी विवाह के इस मौसम में आयोजित भव्य भोजों के इतर गंगा दशहरा के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश के विंध्याचल में बंदरों और लंगूरों के अनूठे भोज का अद्भुत दृश्य स्थानीय लोगों ने देखा। वन्य जीव के संरक्षण...
शादी विवाह के इस मौसम में आयोजित भव्य भोजों के इतर गंगा दशहरा के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश के विंध्याचल में बंदरों और लंगूरों के अनूठे भोज का अद्भुत दृश्य स्थानीय लोगों ने देखा।
वन्य जीव के संरक्षण के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए अमर सिंह फैंस एसोसिएशन के निमंत्रण पर अपने-अपने कुनबों के साथ बंदरों और लंगूरों के अलग-अलग दलों ने विभिन्न पकवानों को छक कर खाया। विंध्याचल पर्वत पर स्थित कालीखोह के पास भोज के दौरान बंदर और लंगूर का अनुशासित पंक्तिबद्ध होकर भोजन करना किसी सभ्य समाज के भोज से कम नहीं था। भोजन परोसने के दौरान बंदरों और लंगूरों का बाकायदा अपनी पारी का इंतजार करने का भाव अविस्मरणीय था।
भोज के आयोजक भी उस वक्त दंग रह गए जब खाली खोह में रहने वाले बंदरों के अलावा भी कई बंदर और लंगूर कहीं और से भोज स्थल पर पहुंच गए। इनकी बड़ी संख्या को देखते हुए आयोजकों को तत्काल फल, मष्ठान और चने का प्रबंध करना पड़ा। इस अद्भुत भोज को देखने के लिए हजारों की भीड़ मौजूद थी।
भोज के औचित्य के संबंध में फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय उपाध्याय ने कहा कि इसका मकसद वन्य जीव के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना था। उन्होंनें कहा कि ऐसे ही कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे।