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शिकायत पर शासन ने बरती सख्ती, एकाउंट पेयी चैक से होगा भुगतान

गेहूं की बंपर पैदावार को भुनाने में बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। ये लोग फर्जी जोत बही आदि के जरिए धड़ल्ले से सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेच रहे हैं। सरकारी मशीनरी के पास इसकी परख करने का कोई साधन...

शिकायत पर शासन ने बरती सख्ती, एकाउंट पेयी चैक से होगा भुगतान
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 02 Jun 2009 07:08 PM
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गेहूं की बंपर पैदावार को भुनाने में बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। ये लोग फर्जी जोत बही आदि के जरिए धड़ल्ले से सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेच रहे हैं। सरकारी मशीनरी के पास इसकी परख करने का कोई साधन भी नहीं है। शिकायत मिलने पर शासन ने गेहूं खरीद के भुगतान पर सख्ती कर दी है। अब हर तरह का पैमेंट एकाउंट पेयी चैक के जरिए किया जाएगा। गेहूं खरीद के लिए जिले में यूपी स्टेट एग्रो, पीसीएफ, एफसीआई आदि एजेंसियों के 26 क्रय केंद्र बनाए गए। बाजर से ज्यादा रेट होने के कारण इन केंद्रों पर गेहूं बेचने वालों का तांता लग गया।

इस सीजन में गेहूं की रिकार्ड खरीददारी हुई। लेकिन बिचौलियों ने भी इसका जमकर लाभ उठाया। किसानों से कम दाम में गेहूं खरीदकर यह लोग उन्हें क्रय केंद्रों पर ज्यादा रेट में बेच देते हैं। इसके लिए वह जोत बही, खतौनी आदि दिखाकर खुद को किसान बताने का प्रयास करते हैं। यह धंधा काफी समय से चल रहा है। इसकी जनकारी होने के बाद भी सरकारी मशीनरी के पास इसे रोकने का कोई पुख्ता साधन नहीं है। क्योंकि जलसाज अधिकतर फर्जी जोत बही का प्रयोग कर पैमेंट ले जाते हैं।

अभी तक 20 हजर रुपए तक का भुगतान बीयरर चैक से होने के कारण इन्हें पकड़ना भी मुश्किल था। अब शिकायत मिलने पर शासन ने इस पर लगाम कस दी है। वरिष्ठ विपणन निरीक्षक हरिमोहन सिंघल ने बताया कि किसी भी तरह का भुगतान अब केवल एकाउंट पेयी चैक के जरिए किया ज रहा है, ताकि फर्जी किसान बनकर कोई जलसाजी ना कर सकें। क्योंकि एकाउंट पेयी चेक उसी किसान के नाम का बनेगा। जिसके नाम की जोत बही या खतौनी की नकल दिखाई जएगी। इससे फर्जी किसान बनकर गेहूं बेचने वालों पर लगाम कसी जा सकेगी।

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