इधर भारी किल्लत, उधर पानी की भीषण बर्बादी
नोएडा में पीने के पानी की भारी किल्लत है। लोग रोजना पीने के पानी को तरसते हैं, बावूजद इसके लोग पानी की बर्बादी से बाज नहीं आते। इसका एक आम नजारा रोजना सुबह शहर के किसी भी सेक्टर में देखा जा सकता है।...
नोएडा में पीने के पानी की भारी किल्लत है। लोग रोजना पीने के पानी को तरसते हैं, बावूजद इसके लोग पानी की बर्बादी से बाज नहीं आते। इसका एक आम नजारा रोजना सुबह शहर के किसी भी सेक्टर में देखा जा सकता है।
इस बारे में फोनरवा के पदाधिकारियों का कहना है कि कई सेक्टरों में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद लोगों को पानी बर्बाद करने से कैसे रोका जए, क्योंकि अगर किसी को टोका जाता है तो उसका जबाब होता है कि पानी इस्तेमाल करते हैं तो पैसा भी तो देते हैं।
रोजना सुबह जब घरों के नलों में फ्रेश पानी की सप्लाई शुरू होती है तो बहुत से लोगों को हाथ में पानी का पाइप लिए देखा जा सकता है। कोई घर के अंदर धुलाई कर रहा होता है तो कोई घर के बाहर पूरी सड़क ही धोने में लगा रहता है। किसी की गाड़ी धुलती है तो कोई पौधों को पानी देने के नाम पर अपने घर के साथ-साथ आसपास के घरों के पौधों तक को पानी लगा देते हैं। कई घरों में तो पानी इतना बहाया जता है कि ऐसा लगता है जसे बारिश आने से आसपास की सारी जगह गीली हो गई हो।
जल विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में रोजना लगभग 120 मिलीयन लीटर पानी की सप्लाई की जाती है। जिसमें से लगभग एक तिहाई पानी बहाकर बर्बाद किया जाता है। पानी की सबसे ज्यादा बर्बादी वही लोग करते हैं जिनके घरों में या तो आरओ लगे होते हैं या फिर उनके घर में पीने के लिए पानी की बोतल मंगाई जाती है। नल में आने वाला पानी उनकी नजर में पीने के लायक नहीं होता, इसलिए वो अन्य कामों के लिए जमकर पानी बहाते हैं।