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फाइलों में दम तोड़ रही मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना

जिले की 22 हजार से अधिक गरीब लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित हो गयी हैं। अधिकारियों की उदासीनता और उपेक्षा के कारण मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना फाइलों में ही दम तोड़ रही है। कांटी, साहेबगंज, मड़वन,...

फाइलों में दम तोड़ रही मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 27 May 2009 08:56 PM
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जिले की 22 हजार से अधिक गरीब लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित हो गयी हैं। अधिकारियों की उदासीनता और उपेक्षा के कारण मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना फाइलों में ही दम तोड़ रही है। कांटी, साहेबगंज, मड़वन, गायघाट में एक भी बच्ची का इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है।

गरीब की बेटियों के सुनहरे भविष्य के लिए बनी इस लोक कल्याणकारी योजना से निर्धारित 24 हजर के लक्ष्य में मात्र 1272 बच्चियों को जोड़ा जा सका है। इस खुलासे के बाद डीएम विपिन कुमार ने सभी सीडीपीओ को तलब किया है। उन्होंने योजना में निराशाजनक प्रदर्शन पर खेद प्रगट किया है।

गौरतलब है कि नन्हीं बिटिया की उच्च शिक्षा से गरीब मां-बाप को चिन्ता से मुक्त करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी जिसके तहत एक परिवार में दो बेटियों के जन्म पर 2000 रुपए यूटीआई के माध्यम से उसके नाम पर जमा किया जता है। बेटी के 18 वर्ष पूरा होने पर यह राशि सूद समेत उसे दी जानी है।

मगर अब तक मुशहरी सदर के निर्धारित लक्ष्य 1820 में 134, बोचंहा के 1150 में 24, बरूराज के 1914 में 44, औराई 1458 में 68, कटरा 1194 में 81, मीनापुर 1620 में 35, कुढ़नी 2157 में 26 और सरैया के 1558 में मात्र 51 को मिला है। जबकि महिला विकास निगम की ओर से इस काम के लिए छह माह की अनुमानित राशि 62,500 भी जिले को दी गई थी जिसमें प्रति परियोजना 100 केस के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं की प्रोत्साहन राशि भी सम्मिलित है।

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